पटना, 24 जुलाई . बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के ‘चुनाव बहिष्कार’ वाले बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है. राजद नेता, जो अब तक वोटर वेरिफिकेशन के मुद्दे पर चुनाव आयोग को घेरने का काम कर रहे थे, अब उन्होंने चुनाव से दूरी बनाने का संकेत दिया है. उनके बयान पर बिहार सरकार में मंत्री नितिन नवीन ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले ही तेजस्वी यादव ने हार स्वीकार कर ली है, बायकॉट तो बस बहाना है.
Thursday को से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के बयान से पता चलता है कि उन्हें जनता का समर्थन नहीं मिल रहा है. अपनी हताशा और निराशा में वे अपनी हार दिख रही है और वो पहले से ही उसका दोष चुनाव आयोग पर मढ़ रहे हैं. लोकतंत्र के महापर्व में भाग लेना या न लेना उनकी मर्जी है, लेकिन जनता तो चुनाव में जरूर हिस्सा लेगी.
बिहार सरकार में मंत्री ने दावा किया है कि जो बिहार के वोटर हैं, उन्हें वोट देने का अधिकार है और जो अवैध रूप से बिहार में वोटर बने हुए हैं, उन्हें रोकने का काम चल रहा है. हम लोग किसी भी कीमत पर बिहार के लोगों का अधिकार रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को नहीं लेने देंगे. मुस्लिम समाज के लोगों को यहां कोई दिक्कत नहीं है. अगर तेजस्वी यादव को बांग्लादेश और अन्य देशों से आए अवैध लोगों से हमदर्दी है और इसीलिए वह चुनाव में भाग नहीं लेंगे तो कोई फर्क नहीं पड़ता है.
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के इस तरह के बयान से चीजें नहीं बदलती हैं. कानून अपने हिसाब से ही काम करता है. तेजस्वी यादव चुनाव से दूरी बनाएंगे तो ठीक है. कई अन्य दल चुनाव में भाग लेंगे. तेजस्वी तो हार मान रहे हैं क्योंकि जनता का समर्थन नहीं मिल रहा है. इसीलिए, हार का ठीकरा फोड़ने के लिए चुनाव से दूरी बनाने का बयान देकर खुद को तसल्ली दे रहे हैं.
नितिन नवीन ने कहा कि तेजस्वी यादव को कई बातों का ध्यान नहीं रहता है. बिहार के Chief Minister नीतीश कुमार को सभी बातों का ध्यान है. नीतीश कुमार विचार-विमर्श कर निर्णय देते हैं. तेजस्वी सहित राजद को मालूम है कि जमीनी स्तर पर हार सुनिश्चित है.
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डीकेएम/केआर