हसबैंड-वाइफ को जीत दिलाने में लगा विपक्ष, पारिवारिक सीट बचाना चुनौती : तेजस्वी सूर्या

लखनऊ, 10 मई . भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी से ही ये कल्चर शुरू हुआ है कि उनके प्रत्याशी भाग जाते हैं. राहुल गांधी अमेठी से भाग चुके हैं और मजबूरी में रायबरेली से चुनाव लड़ कर रहे हैं. कुछ कैंडिडेट अपनी परंपरागत और पारिवारिक सीट को बचाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी और अखिलेश यादव अपनी खानदानी सीट जीतने में लगे हुए हैं. विपक्ष हसबैंड-वाइफ को जीत दिलाने में लगी है. लेकिन, पूरे देश में भाजपा और पीएम मोदी के पक्ष में बड़ी सुनामी चल रही है. 2014 और 2019 से बेहतर चुनावी नतीजा इस बार आने वाला है. इस बार हम वोट शेयर बढ़ाने में सफल रहेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि प्रियंका वाड्रा रोज बेरोजगारी के ऊपर मोदी सरकार पर प्रश्न उठा रही हैं. लेकिन, ये आरोप कांग्रेस पार्टी के हर आरोप की तरह वास्तविकता से दूर है. प्रियंका गांधी वास्तविक स्थिति से हटकर देश में भ्रम फैलाने का काम कर रही हैं.

सूर्या ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पाकिस्तान के विभाजन के खिलाफ थे. लेकिन, सिर्फ नेहरू के कारण भारत का विभाजन हुआ और इसलिए पाकिस्तान से आज कांग्रेस को समर्थन मिल रहा है. कांग्रेस पार्टी और नेहरू गांधी परिवार को पाक से प्यार है. कांग्रेस पार्टी के नेता पाक से अमन शांति की बात करते हैं और उधर पाक कांग्रेस के नेताओं को जिताने की बात करता है. भारत की राष्ट्रभक्त जनता इसे देख रही है और कांग्रेस पार्टी के इस पाक प्रेम का जवाब दे रही है. कर्नाटक में पाक जिंदाबाद का नारा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने लगाया है. ऐेसे में पाकिस्तान से इनका प्यार जगजाहिर है.

उन्होंने आगे कहा कि पिछले दस साल में मोदी जी के नेतृत्व में बेरोजगारी घटी है. सबसे कम बेरोजगारी दर आज भारत में है. इसके पीछे पीएम मोदी के दस साल के प्रयास हैं. पीएम मोदी के आने से पहले सिर्फ 300 स्टार्टअप थे, आज 30 हजार से ज्यादा स्टार्टअप हैं. ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप टीयर 2 और 3 से हैं, जिससे रोजगार बढ़ा है. पांच करोड़ से अधिक लोग ईपीएफओ में रजिस्टर हुए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा युवा हैं.

मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि भारत आज ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग चेन में हब बनकर उभरा है. इस क्षेत्र में हम तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं. एमएसएमई सेक्टर को ताकत देने के लिए दो करोड़ से अधिक लोन 20 लाख एंटरप्राइजेज को मिले हैं. इसका मतलब है कि 20 लाख जॉब जेनरेट हुए हैं. मुद्रा लोन में 50 प्रतिशत से ज्यादा लोन महिला को दिया गया है. स्वनिधि योजना से रोजगार मिला है. इन्हीं नीतियों से देश गरीबी रेखा से ऊपर आया है. कांग्रेस से ज्यादा भर्ती भाजपा ने रेलवे में की है. मिशन मोड में पिछले एक साल में केंद्र सरकार की ओर से भर्तियों को भरने का प्रयास हुआ है. आज हम तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था बन रहे हैं.

उन्होंने कहा कि आज देश में 600 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज के साथ 22 से ज्यादा एम्स हैं. 2014 से पहले देश में 7 एम्स थे. आज 148 से ज्यादा एयरपोर्ट्स हैं. ग्रामीण सड़क 7.6 लाख किलोमीटर से ज्यादा है. 2014 से अब तक सड़कों का निर्माण दोगुना बढ़ा है. 2014 से पहले नेशनल हाईवे का नेटवर्क 19 हजार किलोमीटर था आज 1 लाख किलोमीटर से ज्यादा है.

उन्होंने कहा कि राहुल और प्रियंका गांधी खुद की बेरोजगारी को देश के युवाओं की बेरोजगारी से जोड़ रहे हैं. देश के युवा आने वाले दिनों में मोदी जी को चुनेंगे. अखिलेश यादव के जमाने में पब्लिक सर्विस कमीशन की हालत बेकार थी. परीक्षा का रिजल्ट लेट आता था. यूपीएससी के पेपर लीक हो जाते थे. आज यूपीएससी देश के लिए एक मॉडल है. हर साल रेगुलर परीक्षा हो रही है और अगर गलती से पेपर लीक होता है तो कठिन से कठिन कार्रवाई हो रही है.

उन्होंने कहा कि हम पेपर लीक को लेकर कानून लेकर आए, जिसमें दस सालों की सजा है. राहुल जी और कांग्रेस पार्टी ऐसे कानून क्यों नहीं लाई. कांग्रेस पार्टी अपने परिवारवाद को बढ़ा रही है. दिल्ली से लेकर कर्नाटक तक अपने परिवार के बेटा और बेटी को बढ़ाने को लेकर चिंतित हैं. राहुल गांधी को अग्निवीर की न जानकारी और न ही समझ है. आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव पीडीए के बारे में बोल रहे तो क्या बाकी जो समाज के लोग हैं, उनकी भलाई के लिए काम नहीं करेंगे. कब तक देश को ऐसे भाषा-धर्म, जाति और आजकल चमड़ी के आधार पर बांटेगे

उन्होंने जिक्र किया कि पीएम मोदी सभी को लाभ पहुंचाने का काम कर रहे हैं. मैं प्रदेश के युवाओं से कहना चाहता हूं कि पिछले दस साल भारत के लिए हैं. इन दस सालों में कांग्रेस के साठ सालों की नाकामियों से उबारने का काम किया गया है. हम चाहेंगे आने वाले पांच सालों में भारत और उभर कर आगे बढ़े और इसका दारोमदार युवाओं के कंधों पर है.

एकेएस/एबीएम