तेजस्वी को हार का डर, इसलिए चुनाव आयोग पर लगातार बयान दे रहे हैं: राजीव रंजन

पटना, 16 जुलाई . बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के विरोध में जहां विपक्ष मोर्चा खोल चुका है, वहीं भाजपा और जदयू इसके पक्ष में खड़े दिख रहे हैं. इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का भी सिलसिला जारी है.

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के Wednesday को चुनाव आयोग और भाजपा पर दिए गए बयान को लेकर जदयू ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि तेजस्वी यादव के चुनाव आयोग पर लगातार बयान देने से साफ है कि उन्हें हार का डर बहुत सता रहा है.

उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग पर तेजस्वी यादव के ताबड़तोड़ बयान बिल्कुल इस बात को स्पष्ट कर रहे हैं कि उन्हें अपनी हार का डर बहुत ज्यादा सता रहा है. Lok Sabha और विधानसभा उपचुनाव के नतीजों से घबराए तेजस्वी यादव बार-बार निर्वाचन आयोग की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं.”

उन्होंने आगे कहा कि आज के उनके (तेजस्वी यादव) ताजा बयान उसी श्रृंखला की एक कड़ी है. बता दें कि बिहार के पूर्व उपChief Minister तेजस्वी यादव ने Wednesday को आंकड़ों के जरिए आरोप लगाया कि पिछले चुनाव में कम अंतर से हार और जीत वाली सीटों पर वोट छांटने की कोशिश की जा रही है. राजद नेता तेजस्वी यादव ने Wednesday को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि वे लोग ऐसे ही लोकतंत्र को खत्म नहीं होने देंगे.

उन्होंने लिखा, “बिहार में कुल 7 करोड़ 90 लाख मतदाता हैं. कल्पना कीजिए, भाजपा के निर्देश पर अगर न्यूनतम एक प्रतिशत मतदाताओं को भी छांटा जाता है तो लगभग 7 लाख 90 हजार मतदाताओं के नाम कटेंगे. यहां हमने केवल एक प्रतिशत की बात की है, जबकि इनका इरादा इससे भी अधिक, चार से पांच प्रतिशत का है.”

उन्होंने आगे लिखा, “अगर हम इस एक प्रतिशत, यानी 7 लाख 90 हजार मतदाताओं को 243 विधानसभा क्षेत्रों में विभाजित करते हैं, तो प्रति विधानसभा 3251 मतदाताओं का नाम कटेगा. बिहार में कुल 77,895 पोलिंग बूथ हैं और हर विधानसभा में औसतन 320 बूथ हैं. अब अगर एक बूथ से 10 वोट भी हटेंगे, तो विधानसभा के सभी बूथों से कुल 3200 मत हट जाएंगे.”

उल्लेखनीय है कि राजद और कांग्रेस के नेता लगातार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान का विरोध कर रहे हैं.

एमएनपी/डीएससी