महाराष्ट्र में अवैध बांग्लादेशियों-रोहिंग्याओं के खिलाफ अभियान तेज, किरीट सोमैया ने कहा- 3,977 लोगों के खिलाफ जुटाए सबूत

मुंबई, 3 फरवरी . भाजपा नेता किरीट सोमैया ने सोमवार को से बातचीत करते हुए मालेगांव में बांग्लादेशि‍यों और रोहिंग्याओं के अवैध रूप से रहने के मुद्दे पर बड़ा खुलासा किया. सोमैया ने कहा कि मालेगांव पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है, जिसमें आरोप है कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने की कोशिश की थी.

उन्होंने कहा कि मालेगांव में लगभग दो लाख बांग्लादेशी और रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं. इनके खिलाफ हम लगातार अभियान चला रहे हैं. अब तक तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और मैं खुद मालेगांव पुलिस स्टेशन में आवेदन देने जा रहा हूं. मालेगांव में अब तक तीन हजार से अधिक बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं के नाम सामने आ चुके हैं, जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की कोशिश की थी. उन्होंने अब तक करीब 3,977 ऐसे लोगों का प्रमाण जुटाया है. अब मैं अकोला और अमरावती में भी इस अभियान को आगे बढ़ाऊंगा. इन दोनों शहरों में भी बड़ी संख्या में बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं.

किरीट सोमैया ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी इस मुद्दे को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने राज्य में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि अगले 15 दिनों में वह महाराष्ट्र के दस पुलिस थानों में जाएंगे और वहां के अधिकारियों को शिकायत देंगे. उनके अनुसार, राज्य सरकार और पुलिस इस अभियान को पूरी गंभीरता से ले रही हैं और बांग्लादेशियों को एक-एक करके पकड़ा जाएगा और उन्हें उनके देश वापस भेजा जाएगा.

किरीट सोमैया ने न्यायालय और संसद द्वारा किए गए एक संशोधन का भी जिक्र किया, जिसके तहत अब जन्म प्रमाणपत्र का अधिकार तहसीलदार को दे दिया गया है. इससे पहले यह अधिकार मजिस्ट्रेट कोर्ट के पास था. सोमैया ने कहा कि इस बदलाव से बांग्लादेशी और रोहिंग्या समुदाय के लोग फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से भारतीय नागरिकता हासिल कर रहे थे, लेकिन अब इसे रोकने के लिए सरकार कदम उठा रही है.

इसके अलावा, सोमैया ने घाटकोपर में हुए एक दर्दनाक हादसे का भी जिक्र किया, जिसमें कई लोगों की जान गई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि इस हादसे के लिए एक भ्रष्ट आईपीएस अधिकारी क़ैसर ख़ालिद जिम्मेदार था, जिसने अवैध होर्डिंग लगाने की अनुमति दी थी. इस घटना में 17 लोगों की मृत्यु हुई थी. सोमैया ने कहा कि भावेश भिंडे ने क़ैसर ख़ालिद की पत्नी की कंपनी को पैसे भी दिए थे. अब एंटी करप्शन ब्यूरो ने क़ैसर ख़ालिद और अन्य भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है.

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