एनसीआर से मानव तस्करी के शिकार झारखंड के 25 बच्चे मुक्त, वापस लेकर लौट रही टीम

रांची, 27 मार्च . ह्यूमन ट्रैफिकिंग के जरिए दिल्ली और आसपास के इलाकों में ले जाकर अवैध तरीके से मजदूरी और अन्य कार्य में लगाए गए झारखंड के 25 बच्चों को मुक्त कराया गया है. इनमें ज्यादातर लड़कियां हैं.

दिल्ली में कार्यरत झारखंड के महिला एवं बाल विकास विभाग के एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र की टीम ने दिल्ली पुलिस और स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से इन्हें अलग-अलग स्थानों से रेस्क्यू किया है. इन सभी बच्चों की उम्र 12 से 17 वर्ष के बीच है. इन सभी को राज्य सरकार की टीम झारखंड लेकर लौट रही है.

बताया गया कि यह कार्रवाई दिल्ली स्थित झारखंड भवन के स्थानिक आयुक्त अरवा राजकमल के निर्देश पर की गई. नई दिल्ली स्थित एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र की नोडल ऑफिसर नचिकेता ने जानकारी दी कि साहिबगंज जिले की पुलिस ने इसी महीने दो ह्यूमन ट्रैफिकर्स पूनम मरांडी एवं ईश्वर तुरी को गिरफ्तार किया था. दोनों साहिबगंज से तीन बच्चों को दिल्ली ले जा रहे थे. इन दोनों से पूछताछ में पता चला कि झारखंड से बड़ी तादाद में बच्चे तस्करी के जरिए दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ले जाए गए हैं.

इनसे मिली जानकारी के आधार पर एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र में कार्यरत राहुल सिंह एवं निर्मला खलखो ने दिल्ली पुलिस और स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से 25 बच्चों को अलग-अलग स्थानों से मुक्त कराया. बच्चे साहिबगंज, गोड्डा और खूंटी जिले के रहने वाले हैं.

खूंटी के सीडीपीओ अल्ताफ खान एवं साहिबगंज की सीडीपीओ पूनम कुमारी की अगुवाई वाली टीम इन्हें लेकर झारखंड लौट रही है. रेस्क्यू बच्चियों की काउंसलिंग की जाएगी. उनके घरों के पते का सत्यापन कराया जाएगा और इसके बाद इन्हें उनके परिवारों के सुपुर्द किया जाएगा.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर महिला बाल विकास विभाग के सचिव मनोज कुमार एवं निदेशक किरण कुमारी पासी ने तीनों जिलों के जिला समाज कल्याण पदाधिकारियों को इन बच्चों के समुचित पुनर्वास की व्यवस्था करने का आदेश दिया है. इन्हें झारखंड सरकार की कई योजनाओं से जोड़ा जाएगा.

बताया गया कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़ी किसी भी तरह की सूचना एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र के टोल फ्री नंबर 10582 पर दी जा सकती है.

एसएनसी/एबीएम