एक्टर ध्रुव विक्रम के नाम से बढ़ रहे सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट, टीम ने किया अलर्ट

चेन्नई, 14 नवंबर . Actor ध्रुव विक्रम इन दिनों अपनी फिल्म ‘बाइसन: कालामादन’ की सफलता का लुत्फ उठा रहे हैं. उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है और दर्शक उन्हें बड़े पर्दे पर देखने के बाद social media पर भी उनसे जुड़ना चाहते हैं. इसी बढ़ती लोकप्रियता का फायदा उठाने की कोशिश कुछ लोग फर्जी प्रोफाइल बनाकर कर रहे हैं.

उनके नाम से इंटरनेट पर अलग-अलग अकाउंट मौजूद हैं. ऐसे में Actor की टीम ने एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है ताकि लोग किसी भी तरह की गलतफहमी और ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार न हों.

ध्रुव विक्रम की टीम ने एक बड़ा अपडेट दिया है, जिसमें Actor के असली और नकली अकाउंट्स से जुड़ी स्पष्ट जानकारी दी गई है.

Friday को ध्रुव विक्रम की टीम ने एक्स पर एक आधिकारिक चेतावनी जारी करते हुए बताया कि ध्रुव का केवल एक ही आधिकारिक social media अकाउंट है और वह इंस्टाग्राम पर है, जिसका नाम ‘ध्रुव डॉट विक्रम’ है.

उन्होंने साफ कहा कि इसके अलावा किसी भी प्लेटफॉर्म पर ध्रुव का कोई और आधिकारिक अकाउंट मौजूद नहीं है. बहुत से लोग एक्स, स्नैपचैट या फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर ध्रुव के नाम से चल रहे अकाउंट्स को असली समझ बैठते हैं, लेकिन टीम ने स्पष्ट कर दिया कि ये सभी अकाउंट फर्जी हैं और ध्रुव का उनसे कोई संबंध नहीं है.

टीम ने अपनी पोस्ट में बताया कि हाल के दिनों में कई लोग एआई-जनरेटेड आवाजों और तस्वीरों का दुरुपयोग करके नए-नए फर्जी अकाउंट बना रहे हैं. ये अकाउंट दर्शकों को गलत जानकारी दे रहे हैं, जिससे भ्रम फैल रहा है. सभी फैंस, मीडिया, और आम social media यूजर्स से अपील है कि वे किसी भी अनजान अकाउंट पर यकीन करने से पहले उसकी सत्यता की जांच कर लें.

टीम ने कहा कि अगर भविष्य में ध्रुव किसी नए सोशल प्लेटफॉर्म पर आधिकारिक रूप से जुड़ेंगे, तो इसकी जानकारी आधिकारिक स्रोतों के जरिए साझा की जाएगी.

उनकी सफल फिल्म ‘बाइसन: कालामादन’ की बात करें तो, इसका निर्देशन मारी सेल्वराज ने किया है. यह फिल्म कबड्डी खिलाड़ी मनाथी गणेशन के वास्तविक जीवन से प्रेरित है, जिन्होंने ‘बाइसन’ उपनाम अपनी मेहनत से कमाया था.

इस फिल्म की प्रशंसा तमिलनाडु के उपChief Minister और प्रसिद्ध Actor-निर्माता उदयनिधि स्टालिन ने भी की थी. उन्होंने एक्स अकाउंट पर लिखा कि यह फिल्म सिर्फ खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में मौजूद संघर्षों और कठिनाइयों को भी बारीकी से दिखाती है, जिनसे निकलकर एक खिलाड़ी महानता की ओर बढ़ता है.

पीके/एबीएम