नई दिल्ली, 7 मार्च . केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा शुरू किए गए विशेष अभियान के बाद, असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए 30,161 भारतीय नागरिकों ने 29,000 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी संपत्ति और 1,089.88 करोड़ रुपये की विदेशी आय घोषित की है. आधिकारिक सूत्रों ने हाल ही में को यह जानकारी दी.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अनुपालन-सह-जागरूकता अभियान शुरू किया, जिसका उद्देश्य ऑफशोर संपत्ति और आय के स्वैच्छिक खुलासे को प्रोत्साहित करना है.
आयकर विभाग के चलाए गए अभियान में डेटा-ड्रिवन और नॉन-इंट्रूसिव (गैर हस्तक्षेप) अप्रोच पर ध्यान केंद्रित किया गया. इससे 2023-24 की तुलना में 2024-25 में स्वैच्छिक खुलासे में सालाना आधार पर 45.17 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
अपनी विदेशी संपत्ति घोषित करने वाले 30,161 टैक्सपेयर्स में से 5,483 ने अंतिम तिथि के बाद आईटीआर दाखिल किया, जबकि बाकी लोगों ने मौजूदा फाइलिंग को संशोधित किया.
इसके अलावा, सूत्रों के अनुसार, 6,734 व्यक्तियों ने अपनी आवासीय स्थिति को निवासी से अनिवासी में अपडेट किया.
सूत्रों ने बताया कि इन टैक्सपेयर्स ने 29,208 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति और 1,089.88 करोड़ रुपये की अतिरिक्त विदेशी आय घोषित की है.
सूत्रों ने बताया कि कर अधिकारियों को 108 से अधिक देशों से विदेशी खातों और भारत के बाहर अपने नागरिकों द्वारा अर्जित ब्याज और लाभांश के रूप में आय के बारे में वित्तीय जानकारी मिली है.
स्वेच्छा से विदेशी संपत्ति और आय का खुलासा करने वाले करदाताओं की संख्या 2021-22 में 60,000 से बढ़कर 2024-25 में 2,31,452 हो गई है. भारत कॉमन रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड्स (सीआरएस) को अपनाने वाले शुरुआती देशों में से एक है और 2018 से डेटा प्राप्त कर रहा है.
125 से अधिक देशों ने स्वचालित आधार पर दूसरे अधिकार क्षेत्रों से जुड़े व्यक्तियों की वित्तीय जानकारी साझा करने पर सहमति व्यक्त की है.
एफएटीसीए 2010 के तहत अंतर-सरकारी समझौते के तहत यूएसए के साथ भी इसी तरह का आदान-प्रदान होता है.
सूचना के स्वचालित आदान-प्रदान के तहत प्राप्त इस डेटा का इस्तेमाल करते हुए, सीबीडीटी ने 17 नवंबर 2024 को एक अनुपालन-सह-जागरूकता अभियान शुरू किया, जिसमें करदाताओं से असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए संशोधित आयकर रिटर्न (आईटीआर) में अपनी विदेशी संपत्ति और आय घोषित करने का आग्रह किया गया.
इस अभियान ने सीआरएस और एफएटीसीए के माध्यम से प्राप्त जानकारी का उपयोग करते हुए एक सिस्टम-ड्रिवन और टैक्सपेयर-फ्रेंडली अप्रोच का पालन किया.
आयकर विभाग (आईटीडी) ने टैक्सपेयर्स को शेड्यूल विदेशी संपत्ति और शेड्यूल विदेशी स्रोत आय भरने के लिए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड की सुविधा दी.
अभियान के तहत, हाई-फॉरन अकाउंट बैलेंस और एक सीमा से ऊपर ब्याज या लाभांश से विदेशी आय वाले 19,501 टैक्सपेयर्स को एसएमएस और ईमेल भेजे गए.
टैक्सपेयर्स से अनुरोध किया गया कि वे अपनी विदेशी संपत्ति और आय को दर्शाने के लिए अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) को संशोधित करें.
इसके अतिरिक्त, पूरे भारत में 30 आउटरीच सेशन, सेमिनार और वेबिनार आयोजित किए गए, जिसमें 8,500 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए.
कुल मिलाकर, लगभग 62 प्रतिशत करदाताओं ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, स्वेच्छा से विदेशी संपत्ति और आय घोषित करने के लिए अपने आईटीआर को संशोधित किया.
इस अभियान के केंद्र में ‘ट्रस्ट फर्स्ट’ अप्रोच है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दखलंदाजी करने की बजाय विभाग ने करदाताओं पर भरोसा किया है और उन्हें अपनी विदेशी आय और परिसंपत्तियों का सही और पूरा खुलासा करने का अवसर दिया है.
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एसकेटी/केआर