सूरत, 10 अगस्त . तापे के तारे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के श्रीहरिकोटा केंद्र में शैक्षणिक टूर को तैयार हैं. आदिवासी विकास विभाग और जिला प्रशासन ने ‘विज्ञान सेतु- तापी के तारे’ प्रोजेक्ट के तहत 28 आदिवासी बच्चों का चयन किया था. Sunday को ये बच्चे चेन्नई पहुंचे.
चेन्नई रवाना होने से पहले सूरत एयरपोर्ट पर गुजरात सरकार के पर्यावरण मंत्री और तापी जिला प्रभारी मुकेश पटेल ने बच्चों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार आदिवासी समाज का विकास चाहती है. यह पहला प्रयास है, और भविष्य में 14 अन्य जिलों के आदिवासी बच्चों के लिए भी ऐसे शैक्षणिक टूर आयोजित किए जाएंगे.
वहीं, परियोजना प्रबंधक जयंत राठौर ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य बच्चों में विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें वास्तविक दुनिया के अनुभवों से जोड़ना है. बच्चे इस टूर को लेकर उत्साहित हैं. पहली बार विमान यात्रा का अनुभव लेने के लिए उत्सुक नजर आए. उन्होंने इस अवसर के लिए गुजरात सरकार का आभार व्यक्त किया. यह पहल न केवल आदिवासी बच्चों को प्रेरित करेगी, बल्कि उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी मजबूत करेगी.
टूर पर रवाना होने से पहले छात्रा श्रुति सुरेश ने से बातचीत की. श्रुति ने कहा इसरो विजिट को लेकर हम बेहद खुश हैं. वहां विज्ञान को लेकर हमें जानकारी दी जाएगी. रॉकेट किस तरह से काम करता है या सैटेलाइट बनाने में प्रोग्रामिंग किस तरह से की जाती है. हमें तकनीक की जानकारी के लिए एक मौका मिला है, इस बात की बहुत खुशी है.
वहीं, कोटवाड स्मित ने कहा कि इसरो जाने के लिए हम बहुत उत्साहित हैं. वहां के वैज्ञानिकों से कुछ सवाल करने को हम बेताब हैं.
बता दें, तापी जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले इन बच्चों का चयन एक विशेष परीक्षा के आधार पर किया गया था. इसरो में यह शैक्षणिक प्रवास रॉकेट लॉन्चिंग और अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित विषयों को समझने का अनूठा अवसर प्रदान करेगा. इस प्रवास के लिए तापी जिले के अंतर्गत विभिन्न सरकारी विद्यालयों में 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों का टेस्ट लिया गया था, जिसमें से 28 बच्चों को चयन किया गया.
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एएसएच/केआर