सलेम, 27 मार्च . तमिलनाडु के सलेम में नए टेंडर के खिलाफ टैंकर लॉरी मालिक हड़ताल पर चले गए हैं. यह हड़ताल दक्षिण क्षेत्र एलपीजी टैंकर लॉरी मालिक संघ ने शुरू की है. सलेम के करुप्पुर इलाके में गैस सिलेंडर सप्लाई करने वाली टैंकर लॉरियों को बॉटलिंग प्लांट में गैस भरने से रोक दिया गया. इससे घरों और दुकानों में रसोई गैस की आपूर्ति पर असर पड़ा है. हड़ताल की वजह से तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे छह राज्यों में गैस सिलेंडर की कमी हो गई है.
एसोसिएशन का कहना है कि नए टेंडर में 21 टन के तीन एक्सल वाले वाहनों को तरजीह दी गई है, जबकि उनके पास ज्यादातर 18 टन के दो एक्सल वाले वाहन हैं. उनका दावा है कि इस टेंडर से उनके वाहनों को काम मिलना मुश्किल हो जाएगा और उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा.
इसके अलावा, नए नियमों में सिलेंडर की देरी से डिलीवरी होने पर ड्राइवरों को सजा देने की बात भी शामिल है. एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि यह टेंडर उनके हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया है.
हड़ताल की वजह से 4,000 से ज्यादा टैंकर लॉरियां प्रभावित हुई हैं. इससे दक्षिण भारत के कई इलाकों में गैस सिलेंडर की सप्लाई रुक गई है. लोग परेशान हैं, क्योंकि घरों में खाना बनाने के लिए सिलेंडर नहीं पहुंच रहे. दुकानों और छोटे व्यवसायों को भी दिक्कत हो रही है. एसोसिएशन ने मांग की है कि तेल कंपनियां उनके वाहनों को ज्यादा काम दें और नया टेंडर वापस लें. उन्होंने सरकार से भी इस मामले में दखल देने की अपील की है, ताकि यह विवाद जल्द सुलझ सके.
हड़ताल को लेकर अभी तक तेल कंपनियों या सरकार की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं आया है. टैंकर मालिकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, वे हड़ताल जारी रखेंगे. इस बीच, सलेम और आसपास के इलाकों में लोग वैकल्पिक इंतजाम करने में जुट गए हैं. यह हड़ताल न सिर्फ टैंकर मालिकों की आजीविका का सवाल है, बल्कि आम लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को भी प्रभावित कर रही है. सरकार और तेल कंपनियों पर दबाव बढ़ रहा है कि वे जल्द कोई हल निकालें.
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एसएचके/