तमिलनाडु बनेगा वैश्विक व्यापार का केंद्र, ईएसीसी ने 2000 करोड़ के निवेश की बनाई योजना

चेन्नई, 10 सितंबर . यूरेशिया एफ्रो चैंबर ऑफ कॉमर्स (ईएसीसी) ने Wednesday को चेन्नई के एग्मोर स्थित एक निजी होटल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें एशिया, अफ्रीका और यूरोप के बीच वैश्विक निवेश और व्यापार मार्ग को मजबूत करने पर जोर दिया गया.

इस अवसर पर ईएसीसी के अध्यक्ष डॉ. रोहित गुप्ता ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए संगठन के उद्देश्यों और योजनाओं की जानकारी दी.

डॉ. गुप्ता ने कहा कि ईएसीसी का मुख्य लक्ष्य अफ्रीका और दक्षिण भारत के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देना है.

उन्होंने बताया कि संगठन तमिलनाडु को अपना मुख्यालय बनाकर दक्षिण भारत को एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है. इसके लिए तमिलनाडु सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. हम तमिलनाडु को वैश्विक व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

डॉ. रोहित गुप्ता ने बताया कि अफ्रीकी देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और चिकित्सा उपकरणों की मांग तेजी से बढ़ रही है. घाना, लाइबेरिया और मोरक्को जैसे देशों ने इस क्षेत्र में विशेष रुचि दिखाई है. तमिलनाडु में मजबूत बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के कारण, ईएसीसी इस क्षेत्र से निर्यात को बढ़ावा देने की योजना बना रहा है.

उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य 2000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ निर्यात व्यवस्था को मजबूत करना है, जो गारंटी के आधार पर होगी.”

ईएसीसी का विजन एशिया, अफ्रीका और यूरोप के बीच आर्थिक कूटनीति को बढ़ावा देना, समान निवेश के अवसर पैदा करना और सतत वैश्विक प्रगति को गति देना है.

डॉ. गुप्ता ने बताया कि तमिलनाडु सरकार और केंद्र सरकार को संगठन के उद्देश्यों से अवगत करा दिया गया है, और सभी संबंधित दूतावासों के साथ भी चर्चा पूरी हो चुकी है.

उन्होंने यह भी घोषणा की कि तमिलनाडु सरकार की मंजूरी के साथ नवंबर और दिसंबर 2025 में वैश्विक निवेश बाजार शुरू होने जा रहा है. इस पहल के तहत अफ्रीकी देशों की मांग को पूरा करने के लिए तमिलनाडु से इलेक्ट्रिक वाहनों और चिकित्सा उपकरणों का निर्यात किया जाएगा.

ईएसीसी की यह पहल न सिर्फ भारत और अफ्रीका के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि वैश्विक आर्थिक सहयोग को भी नई दिशा प्रदान करेगी. यह प्रयास क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं को सशक्त बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

एकेएस/डीकेपी