तमिलनाडु : मृतक अजीत कुमार के परिवार से मिले वेल मुरुगन, हिरासत में मौत को ठहराया गलत

शिवगंगा, 2 जुलाई . Police कस्टडी में कथित तौर पर अजित कुमार की मौत का मामला गर्माया हुआ है. इसी सिलसिले में Wednesday को तमिलगा वाल्वुरिमई काची नेता वेल मुरुगन ने शिवगंगा जिले के थिरुप्पुवनम के पास मृतक के परिवार से मुलाकात की.

तमिलगा वाल्वुरिमई काची नेता वेल मुरुगन ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और राहत सहायता राशि के रूप में एक लाख रुपए प्रदान किए. समाचार एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कहा, “किसी भी परिस्थिति में हिरासत में मौत की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. जांच की आड़ में आम नागरिकों को गिरफ्तार करना, जानकारी निकालने के लिए उन्हें प्रताड़ित करना और इस प्रक्रिया में उनकी हत्या करना बिल्कुल अस्वीकार्य है.”

उन्होंने कहा, “उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के निर्धारित स्पष्ट प्रक्रियाओं और दिशा-निर्देशों के बावजूद, Police लगातार उनका पालन करने में विफल रहती है. प्रत्येक जिले में Police अधीक्षकों द्वारा प्रशिक्षण और नैतिक आचरण सत्र ठीक से आयोजित किए जाने चाहिए. साथ ही सभी स्तर के अधिकारियों को उनका सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए जाने चाहिए.”

मुरुगन ने बताया, “Tuesday को Chief Minister ने गृह सचिव और Police महानिदेशक के साथ चर्चा की और महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए. शाम 6 बजे के बाद किसी भी व्यक्ति से Police थाने में पूछताछ नहीं की जानी चाहिए. यदि पूछताछ के तहत व्यक्ति को कोई स्वास्थ्य समस्या होती है, तो उसे तुरंत उपचार के लिए अस्पताल ले जाना चाहिए और अगली सुबह पूछताछ फिर से शुरू होनी चाहिए. यदि व्यक्ति को रिमांड पर लेना है, तो यह शाम 6 बजे से पहले किया जाना चाहिए. दुर्भाग्य से, इस तरह की घटनाएं कई जगहों पर होती रहती हैं. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई की जानी चाहिए. हम लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं. पिछले चार सालों से विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है.”

नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की बात करते हुए उन्होंने कहा, “Chief Minister कई महत्वपूर्ण निर्देश दे रहे हैं और Police के साथ बैठक कर रहे हैं, लेकिन निचले स्तर के अधिकारी उनका ठीक से पालन नहीं कर रहे हैं. यही ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति का मूल कारण है. इन निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. तभी भविष्य में ऐसी हरकतों को रोका जा सकेगा.”

एससीएच/जीकेटी