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चेन्नई, 9 नवंबर . तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम युवा विंग के सचिव और उपChief Minister उदयनिधि स्टालिन ने Sunday को डीएमके के 75वें बौद्धिक महोत्सव समारोह को संबोधित किया.
इस दौरान उपChief Minister उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि डीएमके के युवा केवल द्रविड़ आंदोलन के विचारों को जानने तक ही सीमित नहीं रह सकते, उन्हें प्रगतिशील विचारों को भी आत्मसात करना होगा.
उन्होंने कहा कि ऐसी किताबें पढ़ें जो हमारे आंदोलन की आलोचना करती हों. यह भीड़ ताली बजाने, सीटी बजाने या किसी वीआईपी से बातचीत करने के लिए नहीं है.
स्टालिन ने कहा कि आपने इस सेमिनार में दो दिन 44 वक्ताओं को सुना, क्योंकि आप सारगर्भित बातें सुनना चाहते थे. हमारे अग्रदूतों पेरियार, अन्ना और कलिगनर ने विरोधी विचारों को आत्मसात किया. डीएमके सत्ता हथियाने या पद पर बने रहने के लिए नहीं बनी थी. यह दृढ़ विश्वास वाली पार्टी है. कलिगनर करुणानिधि अडिग सिद्धांतों वाले नेता थे.
उन्होंने कहा कि आज नए दुश्मन डीएमके को नष्ट करने की साजिश रच रहे हैं. कुछ लोग यह सोचकर विवाद में पड़ जाते हैं कि वे हमें तोड़ सकते हैं. डीएमके, अन्नाद्रमुक जैसी कोई आम पार्टी नहीं है जो भीड़ में घुल-मिल जाए. हम विचारधारा से प्रेरित एक सामूहिक संगठन हैं, इसलिए वे हमें निशाना बनाते हैं. खासकर फासीवादी ताकतें हम पर हाथ डालने की कोशिश करती हैं. अन्ना ने दिल्ली की जकड़न, फासीवाद और रूढ़िवादिता से लड़ने के लिए डीएमके की स्थापना की थी.
उपChief Minister उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि विचारधारा ही डीएमके की नींव है. आज की राजनीति में कुछ लोग बिना किसी वास्तविक आधार के ही कूदने की कोशिश कर रहे हैं. हर साल, वे एफिल टॉवर या ताजमहल जैसी नकली संरचनाओं के साथ अस्थायी प्रदर्शनियां लगाते हैं और भीड़ यह सोचकर तस्वीरें लेने के लिए उमड़ पड़ती है कि उनके पास कुछ असली है. उन्हें यह एहसास ही नहीं होता कि यह सिर्फ गत्ता है – कोई आधार नहीं, कोई सिद्धांत नहीं.”
भाइयों और बहनों, हमने डीएमके के पौधे को पानी से नहीं, बल्कि खून से, सर्वोच्च बलिदान से सींचा है, इसीलिए यह बरगद की तरह ऊंचा खड़ा है. कोई भी तूफान, चाहे कितना भी प्रचंड क्यों न हो, हमें छू नहीं सकता. कोई भी डीएमके पर उंगली तक नहीं उठा सकता.
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एमएस/