चेन्नई, 12 फरवरी . राजभवन ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष एम. अप्पावु ने अपने अशोभनीय आचरण से पद की गरिमा को ठेस पहुंचाया है.
राजभवन ने बयान में कहा, ”अध्यक्ष के अशोभनीय आचरण ने न केवल उनके पद की गरिमा को कम किया है, बल्कि सदन की शोभा को भी ठेस पहुंचाई है.”
वहीं, गवर्नर आर.एन. रवि भी सत्र के पहले दिन अपना पारंपरिक भाषण पढ़े बिना विधानसभा परिसर से बाहर चले गए.
राजभवन की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया, ”अपना अभिभाषण समाप्त करने के बाद गवर्नर राष्ट्रगान के लिए खड़े हुए थे. हालांकि, कार्यक्रम का पालन करने के बजाय अध्यक्ष ने राज्यपाल के खिलाफ तीखा हमला बोला और उन्हें नाथूराम गोडसे का अनुयायी कहा.”
वहीं, राजभवन ने अपनी शासकीय सूचना में कहा कि 9 फरवरी को गवर्नर के अभिभाषण का मसौदा प्राप्त हुआ था, जिसमें ऐसे दावे किए गए थे, जिनका सत्य से कोई सरोकार नहीं था. गवर्नर के संबोधन में सरकार की उपलब्धियां, नीतियां और कार्यक्रमों का विवरण होना चाहिए था, ना कि पक्षपातपूर्ण राजनीतिक विचार.
सोमवार सुबह 10 बजे गवर्नर ने विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, विधानसभा के सदस्य और तमिलनाडु के लोगों को संबोधित किया. वहीं, उन्होंने अभिषाषण का पहला हिस्सा पढ़ा, जिसमें तमिल संत तिरुवल्लुवर का कुरल का जिक्र किया गया.
इसके बाद गवर्नर ने संवैधानिक मर्यादाओं को ध्यान में रखते हुए संबोधन को पढ़ने में अपनी असमर्थता जताई, क्योंकि इसमें कई भ्रामक दावे किए गए थे, इसलिए इसे पूरा पढ़ना गवर्नर के लिए संवैधानिक उपहास होता.
–
एसएचके/एसजीके