‘हिंसा भड़काने वालों से लें मुआवजा’, संभल हिंसा पर बोले सपा विधायक अबु आजमी

मुंबई, 6 दिसंबर . बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर शुक्रवार को देश भर में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. इस महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने बाबासाहेब के कामों को याद किया. उन्होंने संभल हिंसा पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी.

की ओर से यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल हिंसा को बांग्लादेश में हो रही हिंसा से जोड़ते हुए कहा कि वहां की हिंसा और यहां की हिंसा में एक जैसा “डीएनए” है, अबू आजमी ने कहा, ”मैं समझता हूं कि उनका डीएनए वही है जो बांग्लादेश में हो रही हिंसा के साथ जुड़ा हुआ है. यहां हिंसा मुसलमानों की तरफ से नहीं हो रही है, बल्कि ये लोग खुद हिंसा फैला रहे हैं. वे हर मस्जिद के नीचे मंदिर निकाल रहे हैं, मुसलमानों के घर तोड़ रहे हैं. अगर यह सही है कि बांग्लादेश में ऐसा हो रहा है, तो फिर इन दोनों का डीएनए एक ही है.”

मुआवजे को लेकर उन्होंने कहा, ”इस हिंसा का मुआवजा उन लोगों से लिया जाना चाहिए जिन्होंने हिंसा भड़काई, न कि जिन लोगों का नुकसान हुआ. उन वकीलों और लोगों से मुआवजा लिया जाना चाहिए जो बिना किसी उचित नोटिस के सर्वे करने गए थे. कोर्ट को भी मैं यह कहूंगा कि एक सामान्य मुकदमा कई साल तक चलता है, लेकिन यहां तो एक ही दिन में सब कुछ हो गया. यह सब मिलकर किया गया है. अगर कोई नुकसान हुआ है, तो जिम्मेदार वही लोग हैं जिन्होंने यह सब किया.”

राज्यसभा में सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट से नोटों की गड्डी मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक ने कहा, ”यह एक गंभीर मुद्दा है. पचास हजार रुपये कोई छोटी रकम नहीं है, लेकिन अगर किसी नेता के टेबल से इतनी बड़ी रकम बरामद होती है, तो गंभीर सवाल उठता है. यह भी सवाल उठता है कि क्या हमारे देश में कानून-व्यवस्था सही ढंग से काम कर रहा है? इस मामले में पूरी तरह से पारदर्शिता दिखानी चाहिए.”

बाबरी मस्जिद पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ”बाबरी मस्जिद का मसला बहुत संवेदनशील है. साल 1949 में जब वहां मूर्तियां रखी गईं, तो यह एक अपराध था. फिर 1986 में जब राजीव गांधी जी ने ताला खोला और पूजा शुरू करवाई, तो वह भी एक अपराध था. फिर 1992 में बाबरी मस्जिद को ढहा दिया गया, जो खुद में एक अपराध था. अब जब कानून ने फैसला किया है, तो हमें उस फैसले को मानना चाहिए. हम भले ही आंतरिक रूप से दुखी हों, लेकिन कानून का पालन करना आवश्यक है.”

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर विधायक अबू आजमी ने कहा, ”बाबासाहेब अंबेडकर ने जिस तरह से समाज के दबे-थके वर्गों के लिए संघर्ष किया, उनका यह संघर्ष बहुत प्रभावशाली था. उन्होंने न सिर्फ आरक्षण दिलवाया, बल्कि सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनाया, चाहे कोई समाज के उच्चतम वर्ग से हो या सड़क पर भीख मांगने वाला हो. उनका संविधान सबको समानता और न्याय प्रदान करता है.”

उन्होंने कहा, ”आज कुछ लोग उस संविधान को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो बाबासाहेब ने हम सबके लिए बनाया था. हमें गर्व है कि हमारे देश में बाबासाहेब जैसे महान नेता ने जन्म लिया, जो न केवल महान थे, बल्कि हमारे संविधान के निर्माता भी थे. मैं आज उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने आया हूं और दिल से उन्हें श्रद्धा और प्रेम करता हूं.”

एमकेएस/एकेजे