जुलूस में फिलिस्तीनी झंडे फहराने का सैयद हुसैनी ने किया बचाव, बाढ़ और बुलडोजर कार्रवाई पर सरकार को घेरा

New Delhi, 6 सितंबर . जमात-ए-इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद सदातुल्लाह हुसैनी ने ईद मिलादुन्नबी के जुलूस में फिलिस्तीनी झंडे फहराने के मामले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अगर कोई कार्यकर्ता या युवा फिलिस्तीन के मुद्दे को सामने लाने की कोशिश करता है, तो यह किसी कानून का उल्लंघन नहीं है.

जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, “भारत फिलिस्तीन का समर्थक है, दोस्त है. हमारे देश ने संयुक्त राष्ट्र में स्वतंत्र फिलिस्तीन राज्य के गठन का समर्थन किया है और कई बार इसके पक्ष में मजबूती से आवाज उठाई है. ऐसे में यदि कोई युवा फिलिस्तीन का झंडा फहराता है, तो यह किसी कानून का उल्लंघन नहीं है.”

असम में बुलडोजर कार्रवाई के दौरान एक युवक की मौत पर उन्होंने कहा, “हमने इसकी निंदा की है. हमारी यही मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. जो लोग दोषी पाए जाएं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए. इसके अलावा, जिन लोगों को वहां बेघर किया गया है, उन्हें तत्काल पुनर्वास की सुविधा दी जानी चाहिए. साथ ही, जब तक न्यायिक समीक्षा पूरी नहीं हो जाती, तब तक इस तरह की मुहिम को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए.”

हुसैनी ने कहा कि सरकार को कानून के अनुसार काम करना चाहिए. चाहे कोई Chief Minister या कोई संवैधानिक पद पर बैठा अन्य व्यक्ति, सभी संविधान और कानून के दायरे में बंधे हैं और इसके विपरीत काम नहीं कर सकते.

इस दौरान, जमात-ए-इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने देश के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हमारे वॉलंटियर्स और संगठन से जुड़े एनजीओ राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उन्होंने सरकार का ध्यान कई अहम मुद्दों की ओर आकर्षित करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या है, जो कई मुद्दों की जड़ है. आपदा के समय बुनियादी ढांचा टिकाऊ नहीं रहता, सड़कें बारिश में बह जाती हैं और पुल गिर जाते हैं, जो भ्रष्टाचार का परिणाम है. इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है.

उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों तक जरूरी सुविधाएं पहुंचाने और किसानों के नुकसान के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की मांग की, क्योंकि बाढ़ से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. साथ ही, उन्होंने कहा कि इस आपदा ने हमारी तैयारियों की कमजोरी को उजागर किया है और सरकार को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.

अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत पर इसका अच्छा खासा असर पड़ा है. सूरत की डायमंड इंडस्ट्री, यूपी की कालीन इंडस्ट्री (जहां 2500 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार रुका है), और तमिलनाडु की टेक्सटाइल इंडस्ट्री प्रभावित हुई हैं. उन्होंने बताया कि टैरिफ का व्यापक असर है और सरकार को कई सुझाव दिए गए हैं.

डीसीएच/