स्विगी आईपीओ को निवेशकों से ठंडा रिस्पॉन्स, दूसरे दिन 0.35 गुणा सब्सक्राइब

नई दिल्ली, 7 नवंबर . स्विगी आईपीओ को गुरुवार को सब्सक्रिप्शन खुलने के दूसरे दिन निवेशकों से ठंडा रिस्पॉन्स मिला. 11,327 करोड़ रुपये का आईपीओ अब तक 35 प्रतिशत या 0.35 गुणा ही सब्सक्राइब हुआ है.

फूड डिलीवरी कंपनी का आईपीओ बुधवार को खुला था और पहले दिन 12 प्रतिशत ही सब्सक्राइब हुआ था.

गुरुवार को शाम 6 बजे तक क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के रिजर्व हिस्सा 28 प्रतिशत या 0.28 गुणा सब्सक्राइब हुआ है. गैर-संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) के लिए रिजर्व हिस्सा 14 प्रतिशत या 0.14 गुणा और रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व हिस्सा 84 प्रतिशत या 0.84 गुणा सब्सक्राइब हुआ है.

वहीं, कर्मचारी के लिए रिजर्व हिस्सा सबसे अधिक 1.15 गुणा सब्सक्राइब हुआ है.

स्विगी आईपीओ के लिए बोली लगाने का आखिरी दिन 8 नवंबर है. स्विगी का प्राइस बैंड 371 रुपये से लेकर 390 रुपये है. फूड डिलीवरी कंपनी का शेयर 13 नवंबर को एनएसई और बीएसई पर लिस्ट हो सकता है. इसका अलॉटमेंट 11 नवंबर को हो सकता है.

चॉइस ब्रोकिंग द्वारा जारी किए गए आईपीओ नोट में कहा गया कि स्विगी को सालाना आधार पर लगातार नुकसान हो रहा है और कंपनी महत्वपूर्ण ऑपरेशन जैसे पेमेंट गेटवे और सप्लाई चेन मैनेजमेंट के लिए थर्ड पार्टी ऐप पर निर्भर है.

एक अन्य ब्रोकरेज फर्म जियोजित की ओर से कहा गया कि जोमैटो की प्रतिद्वंदी कंपनी अपनी स्थापना के बाद से ही लगातार नुकसान में है और कैश फ्लो भी नकारात्मक बना हुआ है.

बीते तीन वित्त वर्षों में स्विगी ने कंसोलिडेटेड आधार पर लगातार नुकसान दर्ज किया है. वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी की आय 6,119 करोड़ रुपये थी और इस दौरान कंपनी ने 3,628.90 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया.

वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी की आय 8,714 करोड़ रुपये रही थी. इस दौरान कंपनी का नुकसान बढ़कर 4,179 करोड़ रुपये हो गया. वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी की आय बढ़कर 11,634 करोड़ रुपये हो गई थी. इस दौरान कंपनी ने 2,350 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया.

वित्त वर्ष 2024-25 की जून तिमाही में कंपनी ने 3,310.11 करोड़ रुपये का कुल आय और 611.01 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया था.

एबीएस/एबीएम