नागपुर, 31 मार्च . जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने सोमवार को न्यूज एजेंसी से खास बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘महापुरुष’ बताया. इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल वीडियो के बारे में भी बात की. इस वायरल वीडियो में पीएम मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और स्वामी अवधेशानंद गिरि नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम के दौरान मंच पर मुस्कुराते नजर आए थे.
स्वामी अवधेशानंद गिरि ने से कहा कि पीएम मोदी विनोदी प्रकृति के हैं, वो सचमुच इस बात को लेकर हंस रहे थे, जब हम लोगों ने इस बात की प्रशंसा की कि आपका उद्बोधन प्रेरक और प्रभावी है. आप कुशल वक्ता हैं, आप बड़े दूरदर्शी हैं, आपके द्वारा जो नेतृत्व प्रदान किया जा रहा है, उससे पूरा देश अभिभूत है, जब हम उनकी प्रशंसा कर रहे थे, तब वह (पीएम मोदी) हंस पड़े. वह खुद के लिए दिए आदर को कदाचित स्वीकार्य नहीं कर रहे थे. उनकी विनम्रता है कि वो कितने शील-संपन्न हैं, वो कितने निराभिमानी महापुरुष हैं, जब मैंने उनकी प्रशंसा करने का प्रयास किया तो वह हंसने लगे और कहने लगे कि ये एक स्वाभाविक बात है.
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पीएम मोदी के अंदर बिल्कुल भी अहंकार नहीं है, उनके अंदर सरलता, सौम्यता और अलग प्रकार की अलौकिकता है, जो उनमें अलग से ही दिखाई देती है.
स्वामी अवधेशानंद गिरि ने आगे बताया, ”प्रधानमंत्री ने भारत को अगले 1,000 वर्षों के लिए तैयार करने की बात कही, ताकि इसकी मजबूती और समृद्धि सुनिश्चित हो सके.”
महाकुंभ और गाय के विषय पर विपक्ष के बयान पर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि सनातन की मान्यता लोक कल्याणकारी है. गाय से इस देश का भला हुआ है. गाय विश्व की माता हैं. वह पूरे संसार के लिए कल्याणकारी हैं. विदेशों में भारत की गाय गई है और उनकी आर्थिक प्रगति में उछाल आया है. गाय पर प्रश्न उठाने वाले लोगों पर दया आती है. महाकुंभ में आधा देश था. महाकुंभ में सामाजिक समरसता देखने को मिली. पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद था. विपक्ष के कुछ लोग महाकुंभ में नहीं पहुंचे, उन्हें वहां आना चाहिए था और भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक सत्ता के दर्शन करने चाहिए थे.
अवधेशानंद गिरि ने समाजवादी पार्टी के नेता रामजी लाल सुमन की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने राणा सांगा को देशद्रोही करार दिया था.
उन्होंने कहा, “यह देश महापुरुषों का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं करेगा. भारत ने हमेशा अपने सच्चे नायकों के आदर्शों को कायम रखा है और जो लोग उन्हें बदनाम करते हैं, वे बहुत बड़ा अन्याय कर रहे हैं.
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एसके/एबीएम