New Delhi, 17 जुलाई . केंद्र सरकार के ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25’ के तहत ‘सुपर स्वच्छ लीग’ श्रेणी में सूरत शीर्ष पर आया है. साफ शहरों की लिस्ट में टॉप पर आने पर सूरत की नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि भारत के शहरों के लिए ‘स्वच्छ भारत मिशन’ महत्वपूर्ण अभियान है.
Thursday को से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है और दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने स्वच्छ अभियान और स्वच्छ शहर के बीच आम लोगों की भागीदारी को भी सराहा. उन्होंने कहा कि कचरे से संसाधन बनाए जाने चाहिए और शहरों को स्वच्छ रहना चाहिए. आज पूरे भारत में सूरत शहर, इंदौर और नवी Mumbai ‘सुपर स्वच्छ लीग’ के तहत एक साथ आए हैं. इस बार रैंकिंग के ऊपर ‘सुपर लीग’ नाम की एक नई लीग शुरू की गई है, जिसमें शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहरों को स्थान दिया गया है.
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने देश में स्वच्छ भारत अभियान की एक बेहतरीन पहल शुरू की है. इसके बाद सूरत नगर निगम एक अभियान के रूप में सूरत के लोगों को स्वच्छता से जोड़ रहा है और लगातार काम कर रहा है. सूरत ने दो अन्य शहरों के साथ इस लीग में स्थान हासिल किया है, जो सूरत के लिए बहुत गर्व की बात है. मैं सूरत के लोगों को भी बधाई देना चाहती हूं, जो स्वच्छता अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं और शहर को साफ-सुधरा बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.
आयुक्त के अनुसार सूरत लगभग 85 लाख की आबादी वाला एक बड़ा शहर है. यह एक आर्थिक केंद्र है, जहां पूरे भारत से लोग आर्थिक अवसरों की तलाश में आते हैं. यह शहर औद्योगिक विकास से गुलजार है. सूरत कचरे को एक संसाधन के तौर पर मान्यता देता है. वेस्ट को रिसोर्स के तौर पर इस्तेमाल कर उससे बायोगैस जैसे उपयोगी उत्पादों में परिवर्तित करता है, जिसे बाद में उद्योगों को बेचा जाता है. निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट से पेवर ब्लॉक और अन्य निर्माण सामग्री का उत्पादन किया जाता है और निर्माण गतिविधियों के लिए उपयोग किया जाता है. कटे हुए प्लास्टिक का उपयोग करके सड़कें भी बनाई जाती हैं. शहर में ऐसी कई नवीन पहल सक्रिय हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय तकनीक का है. शहर की स्वच्छता की निगरानी के लिए एआई जैसी तकनीकों का प्रयोग किया जाता है.
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि स्वच्छ भारत मिशन आने वाले समय में भारत के शहरों के लिए बहुत जरूरी है. भारत 2047 विकसित भारत का लक्ष्य लेकर चल रहा है. ऐसे में स्वच्छता काफी महत्वपूर्ण है. विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर हो रहा है. मुझे उम्मीद है कि 2047 विकसित भारत की दिशा में सूरत शहर आगे भी अच्छा काम करेगा.
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डीकेएम/जीकेटी