कोलकाता, 11 अगस्त . भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पश्चिम बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल प्रशासन और आई पैक के बीच कथित गठजोड़ की तत्काल जांच की मांग उठाई है.
उनका दावा है कि 8 अगस्त को उनकी पिछली पोस्ट में बताए गए सबूतों से पता चलता है कि आई-पैक, जो तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लिए काम करने वाली निजी परामर्श फर्म है, State government और प्रशासन में घुसपैठ कर चुकी है.
उनका कहना है कि आई-पैक के लोग पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अधिकारियों और आईएएस अधिकारियों को भी निर्देश दे रहे हैं, जो सत्ता के दुरुपयोग का गंभीर मामला है. यह न सिर्फ राजनीति और जनसेवा की सीमाओं को मिटा रहा है, बल्कि राज्य के खजाने को टीएमसी के अभियान के लिए इस्तेमाल करने का खतरा भी पैदा कर रहा है. अधिकारी ने इसे वित्तीय घोटाला और पश्चिम बंगाल के हर नागरिक के साथ विश्वासघात करार दिया है. उनका आरोप है कि यह गठजोड़ लोकतंत्र के लिए खतरा बन गया है.
सुवेंदु अधिकारी ने मंत्री से राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के जरिए गहन जांच की मांग की है. वे चाहते हैं कि इस जांच में यह पता चले कि क्या आई-पैक ने सरकार के संचार में अनधिकृत रूप से दखल दिया, राज्य के आईटी संसाधनों का गलत इस्तेमाल हुआ, डेटा गोपनीयता और साइबर सुरक्षा नियमों का उल्लंघन हुआ, या सार्वजनिक धन से आई-पैक को अवैध भुगतान किया गया. उनका कहना है कि यह सिर्फ प्रशासनिक समस्या नहीं, बल्कि सिस्टम में फैली गहरी भ्रष्टाचार की जड़ है.
अधिकारी ने वादा किया कि वे इस मुद्दे पर लड़ाई जारी रखेंगे और जनता के हक के लिए आवाज उठाएंगे.
दरअसल, आई-पैक यानी इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो मूलत: राजनीतिक पार्टियों और नेताओं के लिए रणनीति तैयार करती है. इसके लिए कंपनी के कई विंग यानी विभाग हैं. पॉलिटिकल स्ट्रेटजिस्ट प्रशांत किशोर ने वर्ष 2013 में अपने तीन साथियों प्रतीक जैन, ऋषिराज सिंह और विनेश चंदेल के साथ मिलकर सिटीजन फॉर अकाउंटेबल गर्वनेंस बनाया था, जो बाद में आई-पैक में बदल गया.
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एसएचके/केआर