कोलकाता, 30 जुलाई . पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची से जुड़ी प्रक्रियाओं को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है. विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने प्रदेश की Chief Minister ममता बनर्जी की सरकार पर लोकतंत्र के साथ धोखाधड़ी करने और चुनावी व्यवस्था को भ्रष्ट करने का गंभीर आरोप लगाया है.
सुवेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट करते हुए दावा किया कि राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से सभी जिला चुनाव अधिकारियों (जिलाधिकारियों) को भेजे गए एक ताजा मेमो में यह खुलासा हुआ है कि फॉर्म 6 के निस्तारण में भारी अनियमितताएं बरती गई हैं.
सुवेंदु अधिकारी के मुताबिक, “मुख्य निर्वाचन अधिकारी के इस पत्र में बताया गया है कि सैंपल जांच में यह पाया गया कि मतदाता अधिनियम, 1960 का पालन नहीं किया गया. फॉर्म 6 की कई आवेदनों को बिना उचित सत्यापन के स्वीकार कर लिया गया, जिससे मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़े गए.”
उन्होंने आरोप लगाया कि बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) से जल्दबाजी में दस्तावेज इकट्ठा करवाए गए, जबकि निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारियों (ईआरओ), जो पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारी हैं ने अनधिकृत रूप से सहायक निर्वाचन अधिकारी (एईआरओ), बीडीओ कार्यालयों में पदस्थ ओसी इलेक्शन और कैजुअल डाटा एंट्री ऑपरेटरों को मतदाता सूची से जुड़ा कार्य सौंप दिया. इन अनुबंधित कर्मियों को फॉर्म 6, 7, 8 सहित कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों के निस्तारण की जिम्मेदारी दी गई, जो नियमों के विरुद्ध है.
अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह सब ममता बनर्जी के शासन में व्याप्त भ्रष्टाचार की गहराई को दर्शाता है. फर्जी मतदाताओं को जोड़ना, रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करने के लिए बीएलओ पर दबाव बनाना और बिना योग्यता वाले लोगों को मतदाता सूची का काम सौंपना, हर नागरिक के स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में भाग लेने के अधिकार पर हमला है. उन्होंने इस पूरे मामले की तत्काल जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
सुवेंदु अधिकारी ने आगे कहा कि मैं तत्काल जाँच और ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग करता हूं. पश्चिम बंगाल सरकार का प्रशासन व्यवस्था में हेराफेरी कर रहा है. अब समय आ गया है कि सब कुछ व्यवस्थित किया जाए.
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पीएसके