तेलंगाना के निलंबित अधिकारी ने 250 करोड़ रुपये की संपत्ति जुटाई थी

हैदराबाद, 7 फरवरी . आय से अधिक संपत्ति के मामले में पिछले महीने गिरफ्तार किए गए हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एचएमडीए) के पूर्व निदेशक शिव बालकृष्ण ने कथित तौर पर 250 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की है, यह बुधवार को पता चला.

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जांच के दौरान पाया कि तेलंगाना के विभिन्न जिलों में स्थित संपत्तियां उसके और उसके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के नाम पर पंजीकृत थीं.

भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने 214 एकड़ कृषि भूमि, 29 भूखंड, विभिन्न अपार्टमेंट परिसरों में सात फ्लैट और एक विला की पहचान की. आठ दिनों की पुलिस हिरासत के दौरान एसीबी द्वारा उससे की गई पूछताछ के आधार पर संपत्तियों की पहचान की गई.

इन संपत्तियों का दस्तावेजी मूल्य 13.3 करोड़ रुपये है, लेकिन बाजार मूल्य लगभग 250 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.

जांच अधिकारियों ने तीन व्यक्तियों की भी पहचान की, जो ‘बेनामी’ (प्रॉक्सी) के रूप में काम कर रहे थे.

बुधवार को उनकी पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद एसीबी ने उन्हें अदालत में पेश किया और बाद में उन्हें चंचलगुडा जेल भेज दिया गया.

एसीबी अधिकारी अवैध संपत्ति की आगे की जांच के लिए उसे एक बार फिर हिरासत में लेने की योजना बना रहे हैं.

पिछले आठ दिनों की जांच के आधार पर एसीबी ने मंगलवार को उसके भाई शिव नवीन कुमार को गिरफ्तार कर लिया.

तीन दिन की पूछताछ के बाद एजेंसी ने नवीन कुमार को गिरफ्तार कर लिया, जो कथित तौर पर बालकृष्ण के बेनामी के रूप में काम कर रहा था.

बालकृष्ण रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के सचिव और हैदराबाद मेट्रो रेल लिमिटेड के मुख्य महाप्रबंधक (भूमि प्रबंधन) थे, जब 24 जून को उनके परिसरों की तलाशी के बाद एसीबी ने उन्हें हिरासत में ले लिया था.

एसीबी ने उनके घर और उनके रिश्तेदारों, दोस्तों और अन्य सहयोगियों के 16 अन्य स्थानों पर तलाशी ली थी. तलाशी के दौरान उनके घर और अन्य स्थानों से 99,60,850 रुपये की नकदी, 1,988 ग्राम वजन के सोने के आभूषण और लगभग 6 किलोग्राम वजन के चांदी के आभूषण मिले.

बालकृष्ण के पास उनके और उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों के नाम पर मौजूद संपत्तियों के बारे में कई आपत्तिजनक दस्तावेजों का खुलासा हुआ. उनके पास 8.26 करोड़ रुपये की संपत्ति पाई गई.

एसीबी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने कथित तौर पर अपनी सेवा के दौरान भ्रष्ट आचरण और संदिग्ध तरीकों से संपत्ति अर्जित की.

एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (2018 में संशोधित) की धारा 13(2) के साथ पठित धारा 13(1)(बी) के तहत मामला दर्ज किया. उनकी गिरफ्तारी के बाद नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास (एमए एंड यूडी) विभाग ने अधिकारी को निलंबित कर दिया है. एजेंसी को शिकायतें मिलीं कि एचएमडीए निदेशक के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने कथित तौर पर अवैध लेआउट के लिए अनुमति दी थी.

अधिकारियों ने कहा कि वे इन शिकायतों पर गौर कर रहे हैं.

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