संभल, 29 नवंबर . संभल में शाही जामा मस्जिद के आसपास भारी मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात की गई है. हालात सामान्य है और सड़कों पर लोग चहलकदमी करते नजर आ रही है. स्कूल खुले हुए हैं लेकिन इंटरनेट सेवा बंद है.
जामा मस्जिद के आसपास और गेट के बाहर देर रात अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया. संभल थाने के आसपास हर चौराहे पर पुलिस कर्मी दिख रहे हैं. जुम्मे की आज नमाज है और कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट भी पेश की जाएगी. ऐसे में पुलिस हाई अलर्ट पर है.
पुलिस ने मोबाइल सीसीटीवी फुटेज और ड्रोन कैमरों से मिले वीडियो के आधार पर 100 से ज्यादा आरोपियों को चिह्नित किया है, जिनमें से अब तक 31 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
संवेदनशील स्थानों पर पुलिस द्वारा हर आने-जाने वाले लोगों पर विशेष नजर रखी जा रही है. किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि देखे जाने पर पुलिस फौरन कार्रवाई कर रही है. शासन की तरफ से स्पष्ट निर्देश है कि अगर कहीं भी किसी भी प्रकार की संदिग्ध स्थिति देखने को मिले, तो फौरन कार्रवाई की जाए.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संभल में पिछले दिनों हुई हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. समिति के गठन का आदेश उत्तर प्रदेश के गृह विभाग द्वारा गुरुवार को जारी किया गया था. राज्य के गृह विभाग के आदेश के अनुसार हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्यी समिति को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है. समिति के दो अन्य सदस्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन हैं. समिति को दो महीने के भीतर रिपोर्ट देनी होगी.
24 नवंबर की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वे किया गया था. पुलिस का कहना है कि इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वे टीम पर पथराव कर दिया. देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया. पुलिस ने हालात को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी. हिंसा के दौरान कई लोगों की मौत भी हुई.
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एकेएस/केआर