बीजिंग, 18 फरवरी . चीन के पहले हेलीकॉप्टर एयरबोर्न मैग्नेटोटेल्यूरिक डिटेक्शन सिस्टम ने हाल में सफलता से 5,000 मीटर ऊंचे, ठंडे और जटिल भूभाग वाले क्षेत्रों में भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण मिशन पूरा किया. इससे चीन में मुख्य रेलवे निर्माण परियोजनाओं के डिजाइन और निर्माण को महत्वपूर्ण समर्थन मिला.
बताया जाता है कि इस व्यवस्था का अनुसंधान चीनी विज्ञान अकादमी के एयरोस्पेस सूचना नवाचार अनुसंधान संस्थान ने किया, जिसके पास पूरी तरह से स्वतंत्र बौद्धिक संपदा अधिकार हैं.
चीनी शोधकर्ताओं ने उच्च संवेदनशील चुंबकीय क्षेत्र सेंसर, बड़े गतिशील सिग्नल रिसेप्शन और विमानन पॉड स्थिर मंच आदि कई प्रमुख प्रौद्योगिकियों पर काबू पाया. इस व्यवस्था से भूमिगत दोष, दरार, भूजल और खनिज संसाधन के वितरण आदि की जानकारी मिल सकती है और संभावित भूवैज्ञानिक सुरक्षा जोखिम वाले क्षेत्रों की सटीक पहचान की जा सकती है.
विशेषज्ञों के अनुसार, वायुजनित विद्युत चुंबकीय पहचान प्रौद्योगिकी संसाधन अन्वेषण और इंजीनियरिंग सर्वेक्षण का मुख्य तकनीकी साधन है. भूमिगत मीडिया के विद्युत गुणों में अंतर के आधार पर खनिज, जल संसाधन और भूवैज्ञानिक संरचना की खोज की जाती है.
इस तकनीक में तेज गति, उच्च रिज़ॉल्यूशन और बड़ी रेंज के फायदे हैं, जो क्षेत्र मनुष्य के प्रवेश के लिए कठिन है, जैसे कि पठार, जटिल भूभाग, जंगल, रेगिस्तान, गोबी और दलदल आदि, इनमें भूमिगत जांच वायुजनित विद्युत चुंबकीय पहचान प्रौद्योगिकी से की जा सकती है. यह प्रमुख राष्ट्रीय परियोजनाओं के निर्माण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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