पुणे, 19 नवंबर . महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से कुछ घंटे पहले पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्र नाथ पाटिल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में शामिल हैं. इसके बाद सुप्रिया सुले ने कहा है कि मतदाताओं को गुमराह करने के लिए झूठी खबरें फैलाने के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.
सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “राज्य में मतदान के कुछ घंटों पहले मतदाताओं को गुमराह करने के लिए झूठी सूचना फैलाने के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. हमने बिटकॉइन के दुरुपयोग के झूठे आरोपों के खिलाफ भारतीय निर्वाचन आयोग और साइबर अपराध विभाग में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है. इसके पीछे की मंशा स्पष्ट है, यह निंदनीय है.”
बता दें कि पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्र नाथ पाटिल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में शामिल हैं. उन्होंने दोनों नेताओं पर चुनाव प्रचार के लिए बिटकॉइन हेरफेर का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
पूर्व आईपीएस अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि क्रिप्टोकरेंसी डीलिंग से प्राप्त नकदी का उपयोग महाराष्ट्र में वर्तमान चुनाव अभियान में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान भी इसी तरह की हेराफेरी की गई.
रवींद्र नाथ पाटिल ने से बात करते हुए पुणे के पूर्व पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता और साइबर अपराध जांचकर्ता भाग्यश्री नवटके पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि वे बिटकॉइन घोटाले में शामिल थे. उन्हें सुप्रिया सुले और नाना पटोले से संरक्षण प्राप्त था.
उन्होंने पूरे घोटाले का ब्यौरा साझा करते हुए बताया कि साल 2018 के बिटकॉइन क्रिप्टो करेंसी घोटाले में फॉरेंसिक ऑडिट के लिए मेरी कंपनी केपीएमजी को अपॉइंट किया था. उसको मैंने लीड किया था. साल 2022 में मुझे उसी केस के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था. मैंने 14 महीने जेल में बिताए. इस दौरान वह यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि उन्हें क्यों फंसाया गया. उन्होंने और उनके सहयोगियों ने तथ्यों तक पहुंचने के लिए काम करना जारी रखा. आखिरकार, उन्हें चौंकाने वाले तथ्य मिले.
पाटिल ने खुलासा किया कि मामले में एक प्रमुख गवाह, एक ऑडिट फर्म के कर्मचारी गौरव मेहता ने पिछले कुछ दिनों में उनसे कई बार संपर्क किया था. जब पाटिल ने जवाब दिया, तो मेहता ने 2018 की क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी जांच के बारे में जानकारी साझा की. मेहता ने आरोप लगाया कि क्रिप्टोकरेंसी व्यापारी अमित भारद्वाज की गिरफ्तारी के दौरान, बिटकॉइन युक्त एक हार्डवेयर वॉलेट जब्त किया गया था.
पाटिल ने खुलासा किया कि इस मामले के एक मुख्य गवाह गौरव मेहता (जो एक ऑडिट फर्म के कर्मचारी हैं) ने पिछले कुछ दिनों में उन्हें कई बार संपर्क किया. जब उन्होंने जवाब दिया, तो मेहता ने 2018 के क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी की जांच से जुड़ी जानकारी साझा की. मेहता ने आरोप लगाया कि क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडर अमित भारद्वाज की गिरफ्तारी के दौरान, बिटकॉइन युक्त एक वॉलेट बरामद किया गया था.
हालांकि, मेहता के अनुसार, उस वॉलेट को दूसरे वॉलेट से बदला गया था. यह कथित तौर पर पुणे के तत्कालीन पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता के निर्देश पर किया गया था. मेहता ने दावा किया कि पाटिल और उनके सहयोगियों को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया, जबकि असली अपराधी गुप्ता और उनकी टीम थी. पाटिल ने मेहता पर घोटाले में सुप्रिया सुले और नाना पटोले का नाम लेने का भी आरोप लगाया.
मेहता ने आरोप लगाया कि वे बिटकॉइन हेरफेर के माध्यम से प्राप्त नकदी का उपयोग 2019 के लोकसभा चुनावों और वर्तमान महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों सहित दूसरे चुनाव अभियानों के वित्तीय मदद के लिए कर रहे थे.
पाटिल ने दावा किया कि गुप्ता के निर्देश पर मेहता ने बिटकॉइन को नकदी में बदलने के लिए दुबई की कई यात्राएं की, जिसका उपयोग महाराष्ट्र में चुनाव गतिविधियों की फंडिंंग के लिए किया गया. पाटिल ने को बताया कि मेहता ने सोशल मीडिया ऐप ‘सिग्नल’ पर कई वॉयस रिकॉर्डिंग भेजीं, इनमें सुप्रिया सुले के संदेश भी शामिल थे, इसमें बिटकॉइन के बदले नकदी मांगी गई थी.
ऑडियो रिकॉर्डिंग में सुले ने कथित तौर पर मेहता को आश्वासन दिया कि जांच के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि वे सत्ता में आने के बाद इसे संभाल लेंगे. एक अन्य रिकॉर्डिंग में कथित तौर पर नाना पटोले को नकदी लेनदेन में देरी के बारे में पूछताछ करते हुए सुना गया. इसका आडियो संदेश के पास उपलब्ध है, लेकिन एजेंसी क्लिप की सत्यता की गारंटी नहीं देती है.
पाटिल ने आगे दावा किया कि एक अन्य ऑडियो रिकॉर्डिंग में अमिताभ गुप्ता 50 करोड़ रुपये की मांग करते हुए दिखाई दिए. एक अन्य बातचीत में, गुप्ता ने कथित तौर पर कहा कि उसने पाटिल और उनके सहयोगी पंकज घोडे के नाम पर चार क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट बनाए थे और इन वॉलेट से लेन-देन किए गए थे.
पाटिल ने गौरव मेहता के साथ हुई बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि गुप्ता ने कथित तौर पर सुझाव दिया था कि अगर जांच हुई तो पाटिल और पंकज घोडे दोनों फंस जाएंगे, हम सुरक्षित रहेंगे.
पाटिल ने कहा कि मेहता पहले ही 150 करोड़ रुपये की कीमत के बिटकॉइन बेच दिए हैं और उनके पास अभी भी सैकड़ों करोड़ रुपये के बिटकॉइन हैं. उन्होंने दावा किया कि इस बची हुई क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल चुनाव से जुड़ी फंडिंग के लिए किया जा रहा है. पाटिल ने जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करने की अपनी तत्परता व्यक्त करते हुए कहा कि उनके पास अपने दावों का समर्थन करने के लिए सभी आवश्यक स्क्रीनशॉट और ऑडियो रिकॉर्डिंग हैं. उनके अनुसार, भाग्यश्री नवटके को यह कहते हुए भी सुना गया कि ‘गौरव हमें नकदी की जरूरत है, मैं मुंबई आ रही हूं.’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्र नाथ पाटिल को 2022 में पुणे पुलिस ने करोड़ों रुपये की क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया था. 2004 बैच के आईपीएस अधिकारी पाटिल 2010 से कॉरपोरेट सेक्टर में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के तौर पर काम कर रहे थे. 2018 में उन्हें बिटकॉइन धोखाधड़ी मामले में फॉरेंसिक ऑडिटर के तौर पर नियुक्त किया गया था.
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एफजेड/