सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सोमवार को ‘सुप्रीम’ सुनवाई, पत्नी ने लगाया गैरकानूनी हिरासत का आरोप

New Delhi, 4 अक्टूबर . लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता और नेता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी मामले में अब Supreme court हस्तक्षेप करेगा. Supreme court Monday को वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करेगा.

इस याचिका की सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन वी अंजारिया की दो सदस्यीय पीठ करेगी. याचिका में कहा गया है कि सोनम वांगचुक को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है और उन्हें किसी वैधानिक प्रक्रिया के तहत गिरफ्तार नहीं किया गया.

वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें एक सप्ताह से अधिक समय से अपने पति के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है. न तो Police प्रशासन और न ही स्थानीय अधिकारी इस बात की स्पष्ट जानकारी दे रहे हैं कि वांगचुक कहां और किस स्थिति में हैं. याचिका में मांग की गई है कि Supreme court तुरंत हस्तक्षेप करते हुए सोनम वांगचुक को अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश दे, ताकि उनकी सुरक्षा और कानूनी अधिकार सुनिश्चित किए जा सकें.

इससे पहले, Wednesday को गीतांजलि अंगमो ने President द्रौपदी मुर्मू को एक भावुक पत्र लिखा और पति की रिहाई की मांग की. उन्होंने अपने पत्र में कहा कि मेरे पति को पिछले 4 साल से लोगों के हितों के लिए काम करने की वजह से बदनाम किया जा रहा है. वह कभी भी किसी के लिए खतरा नहीं बन सकते.

बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश में 24 सितंबर को हुई हिंसा के मामले में चार लोगों की जान चली गई थी. यह हिंसा लेह में लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई. करीब 90 लोग हिंसा के दौरान घायल हुए थे.

26 सितंबर को सोनम वांगचुक को लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़काने के आरोप में हिरासत में लिया गया. इसके बाद उन्हें Rajasthan की जोधपुर सेंट्रल जेल में भेजा गया. इसके अलावा, प्रशासन ने चार लोगों की मौत के मामले में मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है. हालांकि, स्थानीय लोगों ने न्यायिक जांच की मांग उठाई थी.

पीएसके