बिहार एसआईआर मामले में सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, अब आधार भी होगा मान्य

New Delhi, 8 सितंबर . बिहार मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मामले में Supreme court ने Monday को अहम आदेश जारी किया है. कोर्ट ने चुनाव आयोग को आधार को भी अन्य 11 मान्य दस्तावेजों के बराबर मानने को कहा है.

Supreme court ने कहा कि आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के तौर पर माना जाएगा. हालांकि, चुनाव आयोग आधार का सत्यापन कर सकता है कि आधार सही या नहीं. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम साफ कर दे रहे हैं कि आधार सिर्फ निवास के प्रमाण के लिए है न कि नागरिकता तय करने के लिए. Supreme court के जस्टिस सूर्यकांत ने यह आदेश याचिकाकर्ता योगेंद्र यादव की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है.

याचिकाकर्ता योगेंद्र यादव ने Supreme court के इस आदेश की सराहना करते हुए कहा कि इससे लाखों-करोड़ों लोगों के वोट अधिकार की रक्षा होगी. उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि एसआईआर वोट बंदी की प्रक्रिया है. यह आम लोगों से उनके सबसे अहम अधिकार को छीनने की प्रक्रिया है, क्योंकि लोगों से वो दस्तावेज मांगे जा रहे थे जो उनके पास है ही नहीं, लेकिन जो दस्तावेज आमजन के पास हैं उसे अमान्य माना जा रहा था.

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग लगातार अपनी मनमानी करता आया है. उसने Supreme court के सुझाव और इशारे को भी नजरंदाज किया, लेकिन अब इस मामले में कोर्ट ने आदेश भी जारी कर दिया है. योगेंद्र यादव ने कहा कि यह वोटरों के लिए बड़ी राहत है. इससे न सिर्फ बिहार के लाखों वोटर बल्कि देश के करोड़ों मतदाता वोटर लिस्ट से बाहर होने से बच गए हैं.

वहीं, साल 2026 के अप्रैल महीने में 5 राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, जिनमें असम, बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी हैं. ऐसे में Supreme court में इन राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया शुरू करने को लेकर याचिका दायर की गई है.

वकील अश्वनी उपाध्याय की याचिका पर Supreme court ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इस मामले में अब अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी.

प्रतीक्षा/डीकेपी