मुजफ्फरपुर, 3 अक्टूबर . बिहार के चर्चित बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड में बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला और उसके सहयोगी मंटू तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को 15 दिनों के अंदर सरेंडर करने को कहा है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह समेत छह आरोपियों को बरी कर दिया है. 2014 में हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी आठ आरोपियों को बरी कर दिया था.
बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी भाजपा की पूर्व सांसद रमा देवी ने कहा, “वह सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करती हैं. हमने को सिर्फ केस दर्ज किया था. मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत करती हूं. यह फैसला 26 साल बाद आया है. यह बड़ी बात है.
उन्होंने आम लोगों को संदेश देते हुए कहा कि अगर किसी की हत्या होती है, तो आप सभी को खड़े होकर गवाही देनी चाहिए. जिस तरह से रमा देवी ने न्याय पाने का साहस दिखाया है, उसी तरह अगर आम लोग भी साहस दिखाएं तो अपराध कम हो जाएंगे. पूर्व सांसद सूरजभान सिंह समेत छह आरोपियों को बरी किए जाने पर उन्होंने कहा कि यह गैंगवार था. इसमें कई लोग शामिल थे. आखिर सबने कुछ न कुछ गलती की है. उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.”
बता दें कि बृज बिहारी प्रसाद बिहार के दिग्गज नेता थे. 1998 में दिनदहाड़े उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस वक्त वे बिहार सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री थे. बृज बिहारी प्रसाद इंजीनियरिंग एडमिशन घोटाले में आरोपी थे. गिरफ्तारी के बाद तबीयत खराब होने पर उन्हें पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान केंद्र में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में शाम की सैर के दौरान उन्हें गोली मार दी गई थी.
इस मामले में बिहार के बाहुबली सूरजभान सिंह और मुन्ना शुक्ला समेत 8 आरोपियों को 2009 में निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन 2014 में पटना हाईकोर्ट ने सभी को बरी कर दिया था. इसके खिलाफ बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी और पूर्व सांसद रमा देवी और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
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