नई दिल्ली, 22 अप्रैल . सुप्रीम कोर्ट पर की गई टिप्पणी को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. निशिकांत दुबे के बयान से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अगले सप्ताह सुनवाई होगी. इस बात की जानकारी वकील नरेंद्र मिश्रा ने दी है.
वकील नरेंद्र मिश्रा ने जस्टिस गवई की बेंच के सामने निशिकांत दुबे के बयान का जिक्र किया. उन्होंने भाजपा सांसद के बयान पर आपत्ति जताते हुए इस मामले में सुनवाई की मांग की.
वकील नरेंद्र मिश्रा ने से बात करते हुए कहा, “आज मैंने जस्टिस गवई के सामने निशिकांत दुबे की ‘भारत में चल रहे गृह युद्ध’ वाली टिप्पणी और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के बारे में की गई बात का उल्लेख किया. उन्हें बताया कि चीफ जस्टिस के बारे में हेट स्पीच दी जा रही है और देश में गृहयुद्ध के लिए चीफ जस्टिस खन्ना को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड चलाए जा रहे हैं और तरह-तरह की अभद्र टिप्पणी की जा रही है, जिस पर उन्होंने मामले में सुनवाई की तारीख अगले सप्ताह के लिए तय की है.”
उन्होंने आगे बताया, “मैंने सुप्रीम कोर्ट के सामने बताया कि इन टिप्पणियों को लेकर कई पत्र एडवोकेट जनरल को दिए गए हैं. साथ ही इस बात को लेकर भी चिंता जताई कि अभी तक सरकार और एडवोकेट जनरल ने भी कोई कार्रवाई नहीं की है, इसलिए वीडियो और फोटो को डिलीट करने का निर्देश दिया जाए.”
इससे पहले सोमवार को जस्टिस बीआर गवई ने कहा था, “हम पर आरोप लग रहा है कि हम कार्यपालिका के अधिकारों में दखल दे रहे हैं.” उन्होंने ये टिप्पणी वकील विष्णु शंकर जैन द्वारा याचिका पर की थी.
दरअसल, वकील विष्णु शंकर जैन ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. उन्होंने जस्टिस गवई की बेंच से कहा कि राज्य में मौजूदा हिंसा को देखते हुए अर्धसैनिक बलों की तत्काल तैनाती की आवश्यकता है.
विष्णु जैन की टिप्पणी पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि आप चाहते हैं कि हम इसे लागू करने के लिए राष्ट्रपति को आदेश जारी करें? वैसे भी हम पर कार्यपालिका में अतिक्रमण करने का आरोप है. हम पर आरोप लग रहा है कि हम कार्यपालिका के अधिकारों में दखल दे रहे हैं.
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