पुराने डीजल-पेट्रोल वाहनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला राहत भरा कदम: मनजिंदर सिंह सिरसा

New Delhi, 12 अगस्त . Supreme court ने 10 साल से पुराने डीजल वाहन और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन मालिकों पर किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई न किए जाने का आदेश दिया है. Supreme court के इस आदेश का दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने स्वागत किया है.

उन्होंने वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए यह एक बड़ी राहत है. दिल्ली सरकार ने Supreme court में एक याचिका दायर कर दलील दी थी कि किसी वाहन का ‘जीवनकाल’ उसकी उम्र से नहीं, बल्कि उससे निकलने वाले प्रदूषण और उसके चलने की संख्या से तय होना चाहिए. Chief Minister रेखा गुप्ता ने दिल्लीवासियों की ओर से यह लड़ाई लड़ी. हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हम दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को स्थायी राहत दिला पाएंगे.

उन्होंने कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि हमारी याचिका के मद्देनजर Supreme court ने 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई न करने का निर्देश देकर लाखों वाहन मालिकों को राहत दी है. अदालत का यह निर्णय उन सभी लोगों के लिए बड़ी जीत है, जिनके वाहन अब भी सही हालत में हैं और सड़क पर चलने योग्य हैं. Supreme court के इस संवेदनशील फैसले के लिए धन्यवाद, और दिल्लीवासियों को हार्दिक बधाई, आपकी आवाज अदालत तक पहुंचाना और आपको राहत दिलाना ही हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है.

दरअसल, 26 जुलाई को दिल्ली सरकार ने Supreme court का दरवाजा खटखटाकर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में चल रहे 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगे प्रतिबंध की समीक्षा करने की मांग की थी. दिल्ली सरकार का तर्क था कि मौजूदा पॉलिसी से मध्यम वर्ग पर अनुचित दबाव पड़ रहा है.

बता दें कि Supreme court ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 4 हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है, तब तक के लिए 10 से 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों के मालिकों पर कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. कोर्ट ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है.

एकेएस/एबीएम