नई दिल्ली, 14 मई . सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छह साल के लिए चुनाव से अयोग्य घोषित करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से साफ इनकार कर दिया. याचिका में धर्म के नाम पर वोट मांगने के लिए पीएम मोदी को छह साल के लिए अयोग्य घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.
जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सीधे शीर्ष अदालत में ऐसी याचिका दायर नहीं की जा सकती. इसके लिए पहले संबंधित अधिकारियों के पास जाना चाहिए.
पीठ ने कहा कि वह याचिका वापस लेने की इजाजत दे सकती है. इस पर, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि शिकायत को ईसीआई के पास उठाने की स्वतंत्रता दी जाय.
लेकिन अदालत ने वो छूट भी नहीं दी और इसे खारिज कर दिया.
दिल्ली स्थित याचिकाकर्ता फातिमा ने कहा कि चूंकि ईसीआई प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, इसलिए वह मजबूरी में शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटा रही हैं.
याचिका में आरोप लगाया गया कि पीएम मोदी ने “न केवल हिंदू और सिख देवताओं और उनके पूजा स्थलों के नाम पर वोट मांगे, बल्कि विरोधी राजनीतिक दलों के खिलाफ मुसलमानों का पक्ष लेने वाली टिप्पणियां भी कीं.”
इससे पहले अप्रैल में दिल्ली हाई कोर्ट ने भी कुछ इसी तरह की याचिका खारिज कर दी थी.
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