आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की डीलिस्टिंग के खिलाफ याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

नई दिल्ली, 28 मई . सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज को स्टॉक एक्सचेंजों से डीलिस्ट करने के फैसले को बरकरार रखा और साथ ही एक निवेशक की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें शेयर मूल्यांकन प्रक्रिया को अनुचित बताया गया था.

निवेशक मनु ऋषि गुप्ता ने इस आधार पर डीलिस्टिंग पर सवाल उठाया था कि रिवर्स बुक बिल्डिंग मैकेनिज्म से शेयरधारकों को बेहतर कीमत मिल सकती थी.

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज को पिछले साल मार्च में डीलिस्ट कर दिया गया था और यह आईसीआईसीआई बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन गई है.

गुप्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की डीलिस्टिंग एक अपारदर्शी और जल्दबाजी में की गई थी और इसे चौंकाने वाला फैसला बताया.

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के वकील ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि गुप्ता ने आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शेयरों की खरीद-फरोख्त जारी रखी, जिसमें हाल ही में अगस्त 2024 तक की खरीद भी शामिल है, जिससे अनुचित व्यवहार का उनका दावा कमजोर हो जाता है.

निजी बैंक ने एक नियामक फाइलिंग में कहा कि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के 72 प्रतिशत शेयरधारकों ने प्रमोटर कंपनी आईसीआईसीआई बैंक के साथ विलय की योजना के पक्ष में वोट डाले थे.

मतदान फरवरी 2024 में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के निर्देश के बाद आयोजित किया गया था, जिसने योजना को मंजूरी देने के लिए शेयरधारक बैठक को अनिवार्य कर दिया था. बैठक में अधिकृत प्रतिनिधियों सहित 161 इक्विटी शेयरधारकों ने भाग लिया.

इससे पहले इस साल मार्च में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने शेयर बाजार से आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड की डीलिस्टिंग को बरकरार रखा था और इस कदम के खिलाफ शेयरधारकों क्वांटम म्यूचुअल फंड और निवेशक मनु ऋषि गुप्ता द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था.

क्वांटम म्यूचुअल फंड ने अल्पसंख्यक शेयरधारकों पर इसके प्रभाव को लेकर चिंताओं का हवाला देते हुए आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की डीलिस्टिंग का विरोध करने के लिए सितंबर में एनसीएलएटी का दरवाजा खटखटाया था. इससे पहले नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की अहमदाबाद बेंच ने फंड की आपत्तियों को खारिज करते हुए डीलिस्टिंग को मंजूरी दे दी थी.

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने जून 2023 में अपनी मूल कंपनी, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के साथ डीलिस्टिंग और विलय की अपनी योजना की घोषणा की. शेयरधारकों ने मार्च 2024 में योजना को मंजूरी दी. डीलिस्टिंग के हिस्से के रूप में प्रस्तावित शेयर-स्वैप व्यवस्था के तहत शेयरधारकों को आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के प्रत्येक 100 शेयरों के लिए आईसीआईसीआई बैंक के 67 शेयर मिले थे.

एबीएस/