रांची, 6 सितंबर . सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में 1990 बैच के आईपीएस अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को चुनौती देने वाली अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
शीर्ष अदालत ने कार्यवाहक डीजीपी गुप्ता को भी नोटिस जारी किया है.
अवमानना याचिका जमशेदपुर निवासी नरेश मकानी की ओर से दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया है.
राज्य के डीजीपी पद पर तैनात रहे 1989 बैच के आईपीएस अजय कुमार सिंह की जगह 25 जुलाई 2024 को अनुराग गुप्ता को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया.
मकानी ने अपनी याचिका में कहा कि तदर्थ आधार पर डीजीपी पद पर नियुक्ति 3 जुलाई 2018 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसी भी राज्य में कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति नहीं की जाएगी.
याचिका में यह भी कहा गया है कि यह पहली बार नहीं है जब झारखंड सरकार ने डीजीपी जैसे अहम पद पर तदर्थ नियुक्ति की है. इससे पहले 8 जून 2019 को तत्कालीन डीजीपी के.एन. चौबे को ओएसडी (आधुनिकीकरण) कैंप, नई दिल्ली के पद पर स्थानांतरित किया गया था और उनकी जगह 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी एम.वी. राव को नियुक्त किया गया था. फिर राव को हटा दिया गया और 12 फरवरी 2021 को उनके स्थान पर नीरज सिन्हा को नियुक्त किया गया.
इन दोनों नियुक्तियों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. सिन्हा ने 12 फरवरी 2023 को अपना दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया, जिससे 15 फरवरी 2023 को अजय कुमार सिंह की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया. इन सभी नियुक्तियों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
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एसएनसी/एबीएम/एकेजे