New Delhi, 14 जुलाई . Supreme court ने हेट स्पीच मामले में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ First Information Report दर्ज कराने वाले वजाहत खान की याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने विवादास्पद पोस्ट पर चिंता जताई है.
Supreme court ने लोगों के लिए सोशल मीडिया पोस्ट पर गाइडलाइन की जरूरत बताई. Supreme court ने कहा कि नागरिक स्वयं संयम क्यों नहीं रख सकते? लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मोल समझना चाहिए. अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो राज्य हस्तक्षेप करेगा और कोई नहीं चाहता कि राज्य हस्तक्षेप करे.
Supreme court ने कहा कि उचित प्रतिबंध सही है, यह 100 प्रतिशत पूर्ण अधिकार नहीं हो सकता है, लेकिन नागरिक इस स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रहे हैं. वे बस एक बटन दबाते हैं और सब कुछ ऑनलाइन पोस्ट हो जाता है. ऐसे मामलों से क्यों अदालतें पटी पड़ी हैं. नागरिकों के लिए क्यों न दिशा निर्देश हों. हालांकि, Supreme court ने तीन अन्य राज्यों में वजाहत खान को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि बढ़ा दी.
बता दें कि वजाहत खान के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने और धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में कई राज्यों में First Information Report दर्ज है. वजाहत खान ने Supreme court में याचिका दायर कर देश के विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज सभी First Information Report को एक साथ जोड़ने की मांग की थी. साथ ही उन्होंने अन्य राज्यों में संभावित गिरफ्तारी से सुरक्षा की गुहार लगाई थी.
पिछली सुनवाई में Supreme court ने वजाहत खान की पश्चिम बंगाल के बाहर दर्ज मामलों में गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था. वजाहत खान की ओर से पेश वकील ने अदालत में सोशल मीडिया पोस्ट्स के लिए माफी मांगी थी.
वकील ने कहा था कि पोस्ट हटाने के बाद भी धमकियां मिल रही हैं. इस पर Supreme court ने वजाहत खान को नसीहत देते हुए कहा था कि आग से जला हुआ घाव समय के साथ भर सकता है, लेकिन शब्दों से किया गया घाव कभी नहीं भरता.
वजाहत पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हिंदू धर्म के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है. इसके बाद उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 196(1)(ए), 299, 352 और 353(1)(सी) के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.
–
डीकेपी/एबीएम