New Delhi, 15 सितंबर . Supreme court ने Himachal Pradesh में अनियंत्रित विकास से पर्यावरण को हो रहे नुकसान के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है. जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने Monday को मामले में सुनवाई की. अदालत ने फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. मामले में 23 सितंबर को आदेश पारित किया जाएगा.
कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के समय हिमाचल में एक और भयावह पर्यावरणीय घटना हुई, जो चिंता का विषय है. कोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी ने सुझाव दिया कि इस मामले का दायरा बहुत व्यापक है, इसलिए एक समिति गठित की जा सकती है जो इसके विभिन्न पहलुओं की गहन जांच करे.
Himachal Pradesh Government की रिपोर्ट के अनुसार, ग्लेशियरों का पांचवां हिस्सा गायब हो चुका है, जिससे नदियों का तंत्र प्रभावित हुआ है. इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन का पहाड़ों की सुरक्षा पर भी गंभीर प्रभाव पड़ा है.
इससे पहले, राज्य में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए कोर्ट ने कहा था कि जलवायु परिवर्तन का राज्य पर ‘स्पष्ट और चिंताजनक प्रभाव’ पड़ रहा है. Supreme court ने चेतावनी दी थी कि अगर अनियंत्रित विकास इसी तरह जारी रहा तो Himachal Pradesh एक दिन नक्शे से गायब हो सकता है.
कोर्ट ने राज्य Government को चार सप्ताह के भीतर पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.
अपने जवाब में राज्य Government को बताना था कि उसने पर्यावरण संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए हैं और भविष्य को लेकर क्या योजना है. Monday को राज्य Government ने कोर्ट के निर्देश के अनुसार रिपोर्ट दाखिल की है.
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डीसीएच/