New Delhi, 25 अगस्त . Supreme court ने Monday को अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के खिलाफ दर्ज First Information Report के ट्रायल पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने निर्देश दिया कि निचली अदालत इस मामले में चार्जशीट पर संज्ञान न ले और न ही आरोप तय किए जाएं.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से संबंधित social media पोस्ट के मामले में प्रोफेसर को गिरफ्तार किया गया था.
Supreme court ने Monday को प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के खिलाफ दर्ज मामले में बड़ी राहत दी. कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज First Information Report के ट्रायल पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि अभी इस केस में निचली अदालत चार्जशीट पर संज्ञान न ले और न ही आरोप तय किए जाएं.
इस बीच, Haryana पुलिस ने बताया कि प्रोफेसर अली खान के खिलाफ दो First Information Report दर्ज की गई थीं. इनमें से एक मामले में पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है, जबकि दूसरे मामले में चार्जशीट दाखिल की गई है.
Supreme court का यह आदेश तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक मामले की अगली सुनवाई नहीं हो जाती.
Haryana के सोनीपत की अशोका यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को पुलिस ने मई में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर टिप्पणी करने को लेकर गिरफ्तार किया था. उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की नियमित प्रेस ब्रीफिंग करने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
उनके खिलाफ पहला मामला गांव जटेड़ी के सरपंच द्वारा दर्ज कराया गया था. इसमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196, 197, 152 और 299 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
दूसरा मामला Haryana महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की शिकायत पर दर्ज हुआ था, जिसमें social media पर विवादित टिप्पणी करने और आयोग के नोटिस की अवहेलना का आरोप लगा था. इस मामले में पुलिस ने बीएनएस की धारा 353, 79, 152 और 169(1) के तहत केस दर्ज किया था.
यह मामला Supreme court तक पहुंचा था और उसके बाद जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी.
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