नई दिल्ली, 21 फरवरी . सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उसे उम्मीद और भरोसा है कि उत्तर प्रदेश सरकार उचित समय के भीतर राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों की फीस के भुगतान के लिए “उचित और तर्कसंगत” नीति को प्रभावी ढंग से लागू करेगी.
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा, “हमें उम्मीद और भरोसा है कि राज्य ऐसी स्थिति पैदा नहीं करेगा, जहां राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील को अपनी फीस की वसूली के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़े.”
पीठ ने कहा, अगर ऐसी स्थिति पैदा करने का परिदृश्य जारी रहता है, जहां वकील को उत्तर प्रदेश राज्य से फीस वसूलने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ता है, तो यह बार के प्रतिभाशाली सदस्यों को उत्तर प्रदेश राज्य की ओर से पेश होने से हतोत्साहित करेगा.
जनवरी में यूपी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए एक मशीनरी स्थापित करने पर सहमत हुई थी कि राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों को उनकी फीस का तुरंत भुगतान किया जाएगा. यूपी सरकार द्वारा उनके बिलों को लंबित रखे जाने के बाद अधिवक्ताओं के एक समूह ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिकाएं दायर कीं.
–
एसजीके/