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सुप्रीम कोर्ट ने 1995 के दोहरे हत्याकांड मामले में पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को वर्चुअली पेश होने की अनुमति दी

नई दिल्ली, 28 अगस्त . सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बिहार के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को 1995 के दोहरे हत्याकांड में दोषी ठहराए जाने के बाद सजा की अवधि पर सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वर्चुअली पेश होने की अनुमति दे दी है.

न्यायमूर्ति एस.के. कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने राजद नेता को शीर्ष अदालत के पहले के निर्देश के खिलाफ शारीरिक उपस्थिति से छूट दे दी. निर्देश में बिहार के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को उन्हें 1 सितंबर को शीर्ष अदालत के समक्ष पेश करने के लिए कहा गया था, जब सजा की अवधि के बारे में आदेश सुनाया जाएगा.

जस्टिस एस.के. कौल, अभय एस. ओका और विक्रम नाथ की एक विशेष पीठ ने 18 अगस्त को सुनाये गये फैसले में उन्‍हें दोषी ठहराते हुये पटना उच्च न्यायालय के आदेश को पलट दिया जिसमें 1995 के दोहरे हत्याकांड के सिलसिले में पूर्व विधायक को बरी कर दिया गया था.

शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि सिंह ने 1995 में बिहार के छपरा में एक मतदान केंद्र के पास राजेंद्र राय और दरोगा राय की हत्या कर दी थी.

सबूतों की कमी के आधार पर निचली अदालत द्वारा बरी किए जाने को बरकरार रखने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मृतक के भाई ने 2012 में शीर्ष अदालत में अपील दायर की थी.

प्राथमिकी के अनुसार, सिंह ने 1995 में चुनाव में अपना वोट डालने के बाद वापस लौटते समय उन लोगों के एक समूह पर अपनी राइफल से खुलेआम गोलीबारी की, जिन्होंने उन्हें वोट नहीं दिया था.

प्रभुनाथ सिंह फिलहाल अशोक सिंह की हत्या के एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.

एकेजे

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