सुमराय टेटे: 2017 में ध्यानचंद पुरस्कार से सम्मानित, निभा रही झारखंड हॉकी ब्रांड एंबेसडर की भूमिका

New Delhi, 14 नवंबर . सुमराय टेटे, जो उस वक्त देश की सबसे भरोसेमंद मिडफील्डर में से एक थीं, पवेलियन की ओर जा रही थीं. उनका सिर झुका था, एक पत्रकार ने उन्हें रोककर पूछा, “सुमराय जी, क्या हुआ? आपकी टीम इतनी हताश क्यों दिख रही है?”

सुमराय रुकीं. उनकी आवाज दबी हुई थी, लेकिन शब्दों में दृढ़ता थी. उन्होंने बस इतना कहा, “हम तब तक हताश नहीं होते, जब तक अगली सुबह की ट्रेनिंग न छूट जाए. यह हार सिर्फ आज के लिए है. कल फिर उसी मिट्टी पर मिलेंगे, जहां से हॉकी स्टिक को उठाना सीखा था.”

1979 में Jharkhand के सिमडेगा के कसीरा मेरोंगटोली गांव में जन्मे सुमराय टेटे को साल 2017 में ध्यानचंद पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 29 अगस्त, 2017 को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर New Delhi में यह पुरस्कार प्रदान किया गया.

सुमराय टेटे का करियर उपलब्धियों से भरा रहा. उन्होंने वर्ष 2002 में आयोजित कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी पहचान बनाई. इसी वर्ष, उन्होंने जोहांसबर्ग चैंपियंस ट्रॉफी में भी कांस्य पदक हासिल किया. 2003 में, उन्होंने बुसान एशियन गेम्स में एक और मेडल जीता.

उनकी स्वर्णिम यात्रा 2004 में भी जारी रही, जब टीम ने New Delhi में हुए एशिया कप में गोल्ड मेडल जीता. इसके बाद, 2006 में मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय टीम ने रजत पदक प्राप्त किया.

दुखद रूप से, उनका यह शानदार अंतरराष्ट्रीय सफर 2006 में एक प्रैक्टिस के दौरान घुटने में लगी गंभीर चोट के कारण समाप्त हो गया. इस चोट ने उनके खेलने की क्षमता पर विराम लगा दिया और फरवरी 2011 में रांची में आयोजित राष्ट्रीय खेलों के समय डॉक्टरों ने उन्हें मैदान पर उतरने से मना कर दिया.

हालांकि, खेल के मैदान से हटने के बाद भी उन्होंने हॉकी से नाता नहीं तोड़ा. वह 2011 से 2014 तक भारतीय हॉकी टीम की सहायक कोच के रूप में अपनी सेवाएं देती रहीं.

Chief Minister हेमंत सोरेन ने 18 फरवरी 2021 को पूर्व हॉकी कप्तान सुमराय टेटे पर आधारित बुकलेट ‘सुमराय टेटे – India में युवाओं के लिए एक आदर्श एथलीट के रूप में’ का विमोचन किया था.

सुमराय टेटे का खेल जीवन भले ही एक दिन खत्म हो गया, लेकिन उनकी कहानी एक खिलाड़ी के संन्यास के साथ समाप्त नहीं होती. रिटायरमेंट के बाद, उन्होंने खुद को Jharkhand और Odisha के दूर-दराज के इलाकों में हॉकी की नर्सरी तैयार करने में समर्पित कर दिया.

सुमराय आज भी उसी मिट्टी से जुड़ी हुई हैं, जहां उन्होंने हॉकी स्टिक पकड़ना सीखा था. वर्तमान में वे भारतीय रेलवे से जुड़ी हैं और रांची रेल मंडल में कार्यरत हैं. इसके साथ ही वे Jharkhand हॉकी की ब्रांड एंबेसडर की भूमिका भी निभा रही हैं.

वीकेयू/डीकेपी