लेखकों को इंडस्ट्री में तवज्जो नहीं दिए जाने पर सुमन कुमार ने जताई नाराजगी

मुंबई, 9 सितंबर . ‘द फैमिली मैन’ और ‘गन्स एंड गुलाब’ जैसी हिट शो की स्क्रिप्ट लिखने वाले सुमन कुमार ने बताया कि ओटीटी अपनी बढ़ती लोकप्रियता की वजह से लेखकों को जागरूक कर रहा है, लेकिन अभी उसे और लंबा सफर तय करना होगा.

सुमन ने बताया कि मुझे बतौर लेखक अपनी लेखनी पर बड़ा गर्व है. अक्सर इसे पर्दे के पीछे का काम बताया जाता है. हालांकि, लेखन भी निर्देशन के जितना ही कठिन है.

उन्होंने को बताया, “यहीं से कहानी शुरू होती है. लेखकों को अपनी कहानी लिखने के लिए ज्यादा अहमियत मिलनी चाहिए. यही नहीं, मैं मानता हूं कि उनका नाम फिल्म के पोस्टरों में निर्देशकों और अभिनेताओं के साथ होना चाहिए. आखिरकार वे कहानी के शिल्पकार हैं.”

सिनेमा में काम करने वाले लेखकों को अपनी लेखनी के लिए ना ही कभी उचित सम्मान मिला और ना ही पर्याप्त पैसा. इंडस्ट्री में बहुत सारे गुमनाम लेखक हैं, जिन्हें प्रोडक्शन, सिनोमेटोग्राफी और अभिनय कर रहे कलाकारों जितनी तवज्जो नहीं दी गई.

यहां तक की प्रसिद्ध स्क्रीन राइटर सलीम खान और जावेद अख्तर को उचित सम्मान पाने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी थी, जब उनका नाम फिल्म ‘जंजीर’ के पोस्टर में नहीं लिखा गया था. इसके बाद, उन्होंने एक शराबी पेंटर को हायर करके अपने नाम का पोस्टर पूरे मुंबई में लगवा दिया.

सुमन ने खुद निजी तौर पर इस चीज को महसूस किया कि कैसे किसी प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा होने के बावजूद भी उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है.

उन्होंने कहा, “हमें हमारी लेखनी के लिए श्रेय तो दिया जाता है, लेकिन सम्मान शायद ही कभी मिल पाता है, इसलिए मेरा मानना है कि लेखकों को भी एक दृश्य पहचान मिलनी चाहिए. इसकी शुरुआत फिल्म के पोस्टर पर उनके नाम लिखने से हो. हालांकि, इंटरनेट ने हमें एक मंच दिया है, लेकिन इंडस्ट्री अभी-भी उस स्तर तक नहीं पहुंच सकी है कि हमें सार्वजनिक रूप से उचित सम्मान मिले. वहीं, दर्शक अपने फेवरेट शो को बनाने वाले लोगों को लेकर काफी जिज्ञासु हैं, लेकिन लेखकों की धारणा को लेकर सोच को व्यापक बनाने की जरूरत है और इसके लिए कई काम करने होंगे.

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