सुल्तानपुर डकैती प्रकरण : फर्जी एनकाउंटर नाइंसाफी है : अखिलेश यादव

लखनऊ, 23 सितंबर . समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर डकैती केस में यूपी एसटीएफ की कार्रवाई पर कहा कि सबसे कमज़ोर लोग एनकाउंटर को अपनी शक्ति मानते हैं. किसी का भी फ़र्ज़ी एनकाउंटर नाइंसाफ़ी है.

उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर कहा, “हिंसा और रक्त से उत्तर प्रदेश की छवि धूमिल करना भविष्य के ल‍िए एक बड़ा षड्यंत्र है. आज के सत्ताधारी जानते हैं कि वो भविष्य में फिर कभी वापस नहीं आएंगे, इसलिए वो जाते-जाते उत्तर प्रदेश में ऐसे हालात पैदा कर देना चाहते हैं कि यहां कोई निवेश ही ना करे. उत्तर प्रदेश की जागरूक जनता ने जिस तरह लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराया है, भाजपाई उसी का बदला ले रहे हैं.”

अंत में समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने एनकाउंटर को निंदनीय बताते हुए कहा’ “जिनका खुद का कोई भविष्य नहीं होता, वही लोग दूसरों का भविष्य बिगाड़ते हैं.”

जब अखिलेश यादव ने उन्‍नाव में हुए एनकाउंटर में डकैती के आरोपी अनुज स‍िंंह के मारे जाने पर काफी देर तक चुप्पी अख्तियार कर रखी थी, तो बीजेपी नेता मोहसिन रजा ने सवाल उठाते हुए कहा था, “अनुज का अखिलेश जी की जाति का न होना या समुदाय विशेष का ना होना. इस जातिगत तुष्टिकरण और सांप्रदायिक राजनीति का कारण हो सकता है. यही है सपा मुखिया के समाजवाद की नई परिभाषा, जो उन्हें जातिगत राजनीति से ऊपर नहीं उठने देती.”

बता दें कि यूपी एसटीएफ ने सर्राफा व्यापारी की दुकान पर डकैती मामले में मंगेश यादव और अनुज प्रताप सिंह को एनकाउंटर में ढेर कर दिया. अनुज पर एक लाख रुपये का इनाम था. वह डकैती के बाद से फरार चल रहा था. पुलिस कई दिनों से उसकी तलाश में जुटी थी. एसटीएफ ने उन्नाव के अचलगंज में उसकी लोकेशन ट्रेस कर उसे एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. अनुज प्रताप सिंह अमेठी का रहने वाला था. वह सुल्तानपुर डकैती कांड का सरगना बताया जा रहा है. उसे घटना के मुख्‍य आरोपी व‍िप‍िन सिंह का सबसे करीबी गुर्गा बताया जाता है. विपिन भी अमेठी का रहने वाला है. विपिन ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया है. विपिन के साथ अनुज प्रताप सिंह गुजरात के डकैती कांड में भी शामिल था. एनकाउंटर में ढेर हुए अनुज पर दो मुकदमे दर्ज हैं. इसमें से एक मुकदमा सुल्तानपुर तो दूसरा गुजरात में दर्ज है.

बता दें कि ज्वेलरी शॉप में सबसे पहले घुसने वाला अनुज ही था. अनुज ने ही शोरूम में बैठे दुकानदार भरत सोनी और उनके बेटे को पिस्तौल से धमकाया था. इसके बाद पलक झपकते ही अन्य आरोपी दुकान के अंदर घुसे और सारा सामान अपने साथ लेकर बाइक से चल दिए.

इस डकैती कांड में कुल 14 बदमाश शामिल थे. इसमें 11 पर शिकंजा कसा जा चुका है, जबकि तीन अभी-भी फरार हैं. फरार चल रहे फुरकान, अरबाज और अंकित यादव पर एक लाख रुपये का इनाम है.

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