दमोह, 12 नवंबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी (पीएमईजीपी) योजना देश की युवा पीढ़ी के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है. बुंदेलखंड अंचल में सैकड़ों युवाओं ने इस योजना से लाभान्वित होकर अपनी तकदीर बदली है. इसकी एक झलक दमोह जिले में देखने को मिली.
दरअसल, पथरिया ब्लॉक के बांसा तारखेड़ा गांव के रहने वाले सुधीर गर्ग ने पीएमईजीपी योजना से जुड़कर बैंक से लोन लेकर ना केवल खुद के व्यवसाय को शुरू किया बल्कि चार अन्य बेरोजगार लोगों को भी रोजगार से जोड़कर उनकी तकदीर बदल दी.
हालांकि, गांव का हर युवा नई सोच के साथ आगे बढ़ने के सपने देखता है. इनमें से एक सुधीर गर्ग की कहानी, अन्य युवाओं के लिए मिसाल बन गई है. दरअसल, सुधीर की कहानी सिखाती है कि यदि आप अपने लक्ष्य को न भेद पाएं तो हार मानकर उदास रहने की जरूरत नहीं है, बल्कि सफलता के और भी अन्य रास्ते होते हैं. सुधीर ने पहले दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी की, लेकिन जब दूर-दूर तक उम्मीद नजर नहीं आई तो फिर चंडीगढ़ चले गए, जहां सुधीर ने फाइव स्टार होटल में काम किया.
कोरोना काल में सुधीर गर्ग की नौकरी चली गई. गांव में दादा-दादी कैंसर से पीड़ित थे, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था. बूढ़े दादा-दादी की सेवा का भाव लिए सुधीर गांव चले आए. सुधीर ने बताया कि मेरा लॉन्ड्री का विचार था, लेकिन फंडिंग की कमी हो गई थी. मैंने पीएमईजीपी योजना के माध्यम से लोन लिया और लॉन्ड्री खोल ली. बैंक से लोन लेने में मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई.
दमोह शहर में कम ही लोग लॉन्ड्री को जानते थे. शुरुआत में थोड़ी परेशानी आई, लेकिन अब चीजें बदल गई हैं. मैं चार लोगों को रोजगार भी दे चुका हूं. अब शहर में नाम भी हो गया है. लगभग एक लाख रुपये महीने की इनकम हो जाती है. इसमें से बैंक के लोन की किस्त और किराया चला जाता है. यहां काम करने वाले चारों लोगों की सैलरी चली जाती है. अभी कम ही समय हुआ है. आगे इसके और भी बढ़ने की उम्मीद है.
लाभार्थी सुधीर गर्ग ने बताया कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता. तकनीक का जमाना है. उन्होंने बताया कि सबसे पहले बड़ी वाशिंग मशीन में कपड़ों को धोने के लिए डालते हैं. बाद में एक कॉर्नर में धुले कपड़े को आयरन करते हैं. इसके पास कपड़ों की पैकिंग की जाती है. हमारे पास विशेष प्रकार की सुविधा भी है. अगर कोई व्यक्ति अपने कपड़े धुलवाना चाहता है, तो व्हाट्सएप लोकेशन के माध्यम से हम उस व्यक्ति के घर से ही कपड़े कलेक्ट कर लेते हैं. शुरुआत में काफी दिक्कत हुई, लेकिन अब काम करने में बड़ा मजा आ रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि युवाओं के पास प्लान की कमी नहीं है. युवाओं को फाइनेंशियल रुकावट आ जाती है. अब पीएम मोदी ने युवाओं के लिए पीएमईजीपी योजना के अलावा कई अन्य योजनाएं चलाई हैं, जिसमें सरकार का अनुदान होता है.
सुधीर के पास रोजगार पाने वाले ओमकार अहिरवार स्टेशन पथरिया के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि सुधीर भैया ने खुद का रोजगार स्थापित कर हम लोगों को भी रोजगार से जोड़ा. इस रोजगार से होने वाली आमदनी से हमारा घर चल रहा है. मेरी पत्नी आरती अहिरवार को भी मेहनताना मिलता है. जिससे मेरे परिवार का पालन पोषण अच्छे से हो जाता है.
ओमकार अहिरवार की पत्नी आरती अहिरवार ने कहा कि पहले रोजगार के लिए भटकना पड़ता था. लेकिन, सुधीर गर्ग ने जब से देहाती लांड्री की शुरुआत की है, तभी से घर में रौनक लौट आई है. सभी परेशानियों के दिन फिर गए हैं. सुबह के समय हम दोनों पति-पत्नी पथरिया से दमोह आते हैं और देर शाम वापिस लौट जाते हैं. जब से यहां काम शुरू किया है, बच्चों को पालन पोषण अच्छे से हो रहा है.
इस योजना को लेकर बैंक मैनेजर नरेंद्र सोनी ने कहा कि सरकार द्वारा छोटे व्यापारी वर्ग के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत तीन प्रकार के लोन की सुविधाएं दी जाती हैं. इसमें किशोर लोन, शिशु लोन और तरुण लोन है. किशोर लोन में 50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की राशि दी जाती है. शिशु लोन के तहत 50,000 रुपये का लोन मिलता है, जबकि तरुण लोन में 5 लाख से 10 लाख रुपये तक कम ब्याज दर पर बिना गारंटी के व्यवसाय शुरू करने के लिए राशि उपलब्ध कराई जाती है. 2024 के जून महीने में पीएम मुद्रा योजना के तहत 455 लोगों को लोन दिया गया है, जबकि किशोर लोन के तहत 1105 और तरुण लोन के अंतर्गत 368 लोगों को लोन दिया गया है. इन तीनों लोन की कुल राशि लगभग 37 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. इस योजना की खासियत यह है कि छोटे व्यापारियों को इसके तहत ब्याज में सब्सिडी मिलती है, जिससे उन्हें व्यापार शुरू करने में आर्थिक मदद मिलती है. इस लोन का लाभ लेने के लिए उद्योग विभाग के माध्यम से आवेदन नजदीकी बैंक शाखा में भेजे जाते हैं, जहां से संबंधित लाभार्थियों को रोजगार शुरू करने के लिए राशि दी जाती है.
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एफजेड/