ओडिशा : पुरी में रेत कला के जरिए हास्य सम्राट असरानी को सुदर्शन पटनायक ने दी श्रद्धांजलि

पुरी, 21 अक्टूबर . Odisha के पुरी बीच पर Tuesday को पद्मश्री रेत कलाकार सुदर्शन Patnaयक ने दिवंगत दिग्गज Actor असरानी को एक शानदार श्रद्धांजलि दी.

20 अक्टूबर को असरानी के निधन ने हास्य जगत में एक खालीपन छोड़ दिया. उनकी प्रतिष्ठित हंसी और संवाद, जैसे “आधे इधर जाओ, आधे उधर जाओ, और बाकी हमारे साथ आओ,” आज भी दर्शकों के दिलों में बसे हैं. सुदर्शन Patnaयक ने अपने सैंड आर्ट इंस्टीट्यूट के छात्रों के साथ मिलकर लगभग 4 से 5 टन रेत का उपयोग कर खास कृति बनाई.

यह रेत मूर्ति असरानी के हास्य आकर्षण और भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को दर्शाती है. ‘शोले’, ‘चुपके चुपके’, और ‘भूल भुलैया’ जैसी फिल्मों में उनके किरदारों ने पीढ़ियों को हंसाया और यादगार लम्हे दिए. यह कलाकृति उस आनंद और हंसी का प्रतीक है, जो असरानी ने लाखों प्रशंसकों को दी.

Patnaयक ने कहा, “इस रेत कला के जरिए मैं असरानी जी की असाधारण विरासत और उनकी हंसी से भरी प्रस्तुतियों को सम्मान देना चाहता था. उनके किरदार और संवाद हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे, जैसे यह रेत पर बना पैटर्न.” उन्होंने असरानी के निधन को हास्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया.

यह कला न केवल उनकी स्मृति को जीवंत करती है, बल्कि उनके प्रशंसकों को उनकी फिल्मों के सुनहरे पलों को याद करने का अवसर देती है. पुरी बीच पर यह रेत मूर्ति पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बनी. कई लोगों ने इसे देखकर असरानी की फिल्मों के किस्से साझा किए. एक स्थानीय निवासी ने कहा, “असरानी जी की कॉमेडी ने हमें हमेशा हंसाया. यह रेत कला उनकी यादों को ताजा करती है.”

सुदर्शन Patnaयक की यह पहल उनकी कला के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश देने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है. social media पर भी इस रेत कला की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जहां प्रशंसक असरानी के योगदान को याद कर रहे हैं.

एससीएच/एबीएम