New Delhi, 26 अगस्त . कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने Tuesday को New Delhi के रफी मार्ग स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में नेक्स्ट जनरेशन GST रिफॉर्म्स पर व्यापारी सम्मेलन का सफल आयोजन किया. इस सम्मेलन में देशभर के प्रमुख व्यापारी, कर विशेषज्ञ और नीति-निर्माता एकत्रित हुए और GST को अधिक सरल, पारदर्शी तथा व्यापारी-हितैषी बनाने के लिए आवश्यक सुधारों पर विस्तार से चर्चा की.
सम्मेलन की अध्यक्षता सांसद और कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने की. उन्होंने GST को India के लघु एवं मध्यम व्यापारियों की वास्तविकताओं के अनुरूप ढालने की आवश्यकता पर बल दिया. खंडेलवाल ने वर्तमान GST व्यवस्था में व्यापारियों को हो रही कठिनाइयों को रेखांकित करते हुए इसके सुधार हेतु रचनात्मक सुझाव प्रस्तुत किए, ताकि व्यापार सुगमता सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि व्यावहारिक GST संरचना न केवल अनुपालन को आसान बनाएगी बल्कि कर संग्रह को बढ़ाएगी, कर आधार का विस्तार करेगी और आर्थिक विकास को गति देगी.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि रिटर्न फाइलिंग को सरल बनाने, कर स्लैब का तार्किक पुनर्गठन करने, GST पोर्टल की तकनीकी खामियों को दूर करने और छोटे व्यापारियों पर अनुपालन का बोझ कम करने जैसे अनेक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई. व्यापारियों ने यह आम सहमति व्यक्त की कि GST सुधार व्यापार वृद्धि को प्रोत्साहित करने और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं.
पूर्व प्रिंसिपल सीGST कमिश्नर नवीन गोयल ने संबोधन में GST नीतियों को लघु एवं मध्यम व्यापारियों की जमीनी हकीकतों के साथ संरेखित करने की तात्कालिक आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने आगे कहा कि GST एक ऐतिहासिक सुधार रहा है, लेकिन वर्तमान प्रणाली में अब भी कई चुनौतियां हैं, जो उद्यमशीलता और विकास को बाधित करती हैं. आज के सम्मेलन में यह सर्वसम्मत राय बनी कि अगली पीढ़ी का GST मॉडल ऐसा होना चाहिए जो राजस्व की आवश्यकताओं और व्यापार सुगमता दोनों के बीच संतुलन स्थापित करे.
सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों के व्यापारिक नेताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जो यह दर्शाता है कि India के व्यापारी समाज की जमीनी चुनौतियों को संबोधित करने के लिए एक मजबूत और व्यावहारिक GST ढांचा बनाना कितना आवश्यक और तात्कालिक है.
कैट ने पुनः यह संकल्प व्यक्त किया कि वह Government के साथ मिलकर कार्य करेगा, ताकि GST प्रणाली वास्तव में India के 8 करोड़ व्यापारियों की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करे और India को एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनाने में योगदान दे.
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एएसएच/डीएससी