New Delhi, 16 अगस्त . एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने सात भारतीय बैंकों और तीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की लॉन्ग-टर्म इश्यूअर क्रेडिट रेटिंग को अपग्रेड किया है.
वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने जिन बैंक और एनबीएफसी कंपनियों की क्रेडिट रेटिंग में सुधार किया है, उनमें भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फाइनेंस, टाटा कैपिटल और एलएंडटी फाइनेंस का नाम शामिल हैं.
इन 10 वित्तीय संस्थानों की रेटिंग “बीबीबी-/पॉजिटिव/ए-3” से बढ़ाकर “बीबीबी/स्टेबल/ए-2” कर दी गई है.
यह कदम वैश्विक रेटिंग एजेंसी द्वारा भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग बढ़ाने के बाद उठाया गया है. यह 18 वर्षों में एसएंडपी द्वारा देश का पहला सॉवरेन अपग्रेड है, इससे पहले 2007 में भारत को निवेश ग्रेड बीबीबी- में अपग्रेड किया गया था. मई 2024 में, एजेंसी ने भारत के लिए अपने आउटलुक को ‘स्थिर’ से ‘पॉजिटिव’ कर दिया था.
एसएंडपी ग्लोबल के अनुसार, भारत के वित्तीय संस्थानों को देश की मजबूत आर्थिक विकास गति का लाभ मिलता रहेगा. उसे उम्मीद है कि अगले 12-24 महीनों में भारतीय बैंक पर्याप्त परिसंपत्ति गुणवत्ता, अच्छी लाभप्रदता और बेहतर पूंजीकरण बनाए रखेंगे.
रेटिंग एजेंसी ने 10 वित्तीय संस्थानों की दीर्घकालिक जारीकर्ता क्रेडिट रेटिंग बढ़ाने के साथ-साथ, इनकी स्टैंडअलोन क्रेडिट प्रोफाइल (एसएसीपी) के अपने आकलन को भी संशोधित किया है.
एसएंडपी ने कहा कि कई भारतीय वित्तीय संस्थानों की रेटिंग भारत पर हमारी सॉवरेन रेटिंग द्वारा सीमित होती है. ऐसा देश में कार्यरत वित्तीय संस्थानों पर सॉवरेन रेटिंग के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव के कारण है.
Thursday को एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी), पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी लिमिटेड और टाटा पावर कंपनी लिमिटेड की क्रेडिट रेटिंग को ‘बीबीबी-‘ से बढ़ाकर ‘बीबीबी’ कर दिया था और आउटलुक को स्थिर बताया था.
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एबीएस/