सूरत, 13 अगस्त . Gujarat Government की पहल ‘तापी के तारे’ प्रोजेक्ट के तहत तापी जिले के 28 आदिवासी छात्र-छात्राएं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर के विशेष स्टडी टूर से लौटकर सूरत पहुंच गए. इस अवसर पर Gujarat के आदिवासी विकास मंत्री कुबेरभाई डिंडोर और तापी जिले के प्रभारी मंत्री मुकेशभाई पटेल ने बच्चों से मुलाकात कर उनका स्वागत किया.
मंत्री मुकेशभाई पटेल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि देशभर के बड़े स्कूलों के छात्रों को तो अक्सर इसरो विजिट का मौका मिलता है, लेकिन Gujarat Government ने पहली बार ट्राइबल इलाके के छात्रों के लिए यह सपना साकार किया है. तापी जिले के ट्राइबल क्षेत्रों के 15 Governmentी स्कूलों में पढ़ रहे साइंस कक्षा 11 और 12 के छात्रों की स्क्रीनिंग की गई, जिसमें 28 छात्रों का चयन हुआ. खास बात यह रही कि इनमें 20 छात्राएं और 8 छात्र शामिल थे.
उन्होंने कहा कि ‘तापी के तारे’ नामक इस प्रोजेक्ट के तहत छात्रों को तीन दिवसीय इसरो टूर पर ले जाया गया. यहां उन्होंने वैज्ञानिकों से मुलाकात की, सैटेलाइट लॉन्च प्रक्रिया, मिशन कंट्रोल सेंटर और इसरो के नए प्रोजेक्ट्स को करीब से देखा और समझा. आने वाले समय में इस योजना को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा.
इस टूर का आयोजन Gujarat Government के प्रोजेक्ट ‘विज्ञान सेतु’ के तहत किया गया, ताकि ट्राइबल इलाकों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण व्यवहारिक शिक्षा और नई तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव मिल सके. इनमें से कई छात्र ऐसे थे, जिन्होंने अपने गांव से बाहर की दुनिया पहली बार देखी और पहली बार हवाई यात्रा की.
टूर से लौटे तापी जिले के इन आदिवासी स्टूडेंट्स की खुशी देखते बनती है. छात्रा तनुबेन नाइक ने बताया कि विद्यार्थियों के मुताबिक इसरो में उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला और उन्होंने सैटेलाइट लॉन्च की प्रक्रिया, मिशन कंट्रोल सेंटर और अंतरिक्ष अनुसंधान के कई पहलुओं को करीब से समझा.
यशस्वी बेन गामित ने कहा कि ‘तापी के तारे’ पहल के अंतर्गत इसरो टूर करने वाले बच्चों को कभी न भूलने वाला अनुभव मिला है.
एक छात्र ने कहा कि हमारा पूरा दौरा बेहतरीन रहा. हम तापी जिले के छात्र हैं और एक विशिष्ट परीक्षा के माध्यम से हमारा चयन हुआ था. अपनी यात्रा के दौरान, हमने खूब आनंद उठाया और इस अनुभव का भरपूर आनंद लिया.
एक छात्र ने कहा कि मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा. मैं Government को इसरो जाने का अवसर देने के लिए धन्यवाद देता हूं. एक अन्य छात्र ने कहा कि हम तापी जिले के आदिवासी इलाकों से आते हैं. हमने बस और ट्रेन से यात्रा की है और यह हमारी पहली बार ट्रेन से यात्रा भी थी.
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एएसएच/एबीएम