कश्मीर, 8 अगस्त . भारत-पाकिस्तान सीमा के पास के स्कूलों में पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालने के लिए रक्षाबंधन पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान छात्रों ने पेड़-पौधों और वृक्षों को रक्षासूत्र बांधा.
छात्रों ने से बातचीत में कहा कि जिस तरह सुरक्षा बल सीमाओं की रक्षा करते हैं, उसी तरह पेड़ भी स्वच्छ हवा प्रदान करके हमारी रक्षा करते हैं. कार्यक्रम के दौरान, बच्चों ने पौधों को राखी बांधी और सभी से इस रक्षाबंधन पर एक-दूसरे और पर्यावरण की रक्षा के लिए ऐसे ही कदम उठाने का आग्रह किया.
वहीं, जम्मू-कश्मीर के सामा चक से 18 ग्रेनेडियर्स के शहीद वीर उदयमान सिंह की बहन कंचन, जो पिछले 26 वर्षों से हर रक्षाबंधन पर अपने भाई के पास राखी लेकर पहुंचती हैं. कंचन ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए बताया कि मेरे भाई को शहीद हुए 26 साल हो चुके हैं, उन्होंने टाइगर हिल पर शहादत दी थी और कभी भी पीठ नहीं दिखाई. बचपन की बात करें तो जब भी भाई घर पर होते थे, हम रक्षाबंधन बड़े उत्साह के साथ मनाते थे. लेकिन, जब वह सेना में सेवा दे रहे थे, तब मैं उन्हें टेलीग्राम के जरिए राखी भेजती थी. वे उस राखी का बेसब्री से इंतजार करते थे. टेलीग्राम से जब भी उनका खत आता था, उसमें उनके प्यार के तोहफे और कुछ पैसे भी होते थे.
उन्होंने कहा कि आज 26 साल बीत चुके हैं, लेकिन मैं हर रक्षाबंधन पर अपने भाई के पास आती हूं. आमतौर पर हर भाई अपनी बहन के पास राखी बंधवाने आता है, लेकिन आज मेरा भाई हमारे बीच नहीं है, वह भारत मां की आन-बान और शान की रक्षा के लिए शहीद हो चुका है. उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. उन्हें सेना मेडल से भी नवाजा गया है. कंचन ने आगे कहा कि मैं सभी भाई-बहनों से कहना चाहती हूं कि आपसी प्रेम को हमेशा बनाए रखें. आज मैं अपने भाई को याद करते हुए उनके घर आई हूं और उन्हें राखी बांधकर मुझे बेहद खुशी महसूस होती है.
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एएसएच/जीकेटी