तमिलनाडु, 10 जुलाई . Prime Minister Narendra Modi की ओर से आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में ‘पीएम एफएमई योजना’ एक सराहनीय पहल है. इस योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र में मौजूद सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता बढ़ाना, उनके औपचारीकरण को प्रोत्साहित करना और किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, सहकारी समितियों को समर्थन देना है. ‘पीएम एफएमई योजना’ (Prime Minister सूक्ष्म खाद्य उद्यम औपचारीकरण योजना) के तहत तमिलनाडु में डीम्ड विश्वविद्यालय के छात्रों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लाभों और स्टार्टअप अवसरों की जानकारी दी गई. यह योजना नारियल, काजू, दूध, और बेकरी उत्पादों जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअप्स और छात्रों को बुनियादी ढांचा, तकनीकी मार्गदर्शन, और वित्तीय सहायता प्रदान करती है.
डीम्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजन ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के सहयोग और ‘पीएम एफएमई योजना’ के तहत स्थापित इनक्यूबेशन केंद्रों में स्टार्टअप्स और छात्रों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इन केंद्रों में दूध के प्रसंस्करण की प्रक्रिया सिखाई जाती है, जिसमें दूध को पाश्चुरीकरण के माध्यम से कीटाणुरहित किया जाता है, फिर होमोजेनाइजेशन द्वारा एक समान बनाया जाता है, और अंत में साफ करके पनीर, दही, और मक्खन जैसे उत्पाद तैयार किए जाते हैं. यह सुविधा नवाचार, कौशल विकास, और व्यावसायीकरण को बढ़ावा देती है, जिससे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने में मदद मिलती है.
Prime Minister मोदी की ‘पीएम एफएमई योजना’ ने ग्रामीण इलाकों में आजीविका को बढ़ावा देने के लिए एक सराहनीय पहल की है. यह योजना उन लोगों को समर्थन देती है जो खाद्य प्रसंस्करण की सुविधाओं का खर्च वहन नहीं कर सकते. वे इनक्यूबेशन केंद्रों और प्रसंस्करण मिलों का लाभ उठाकर कच्चे माल को मूल्यवर्धित उत्पादों (जैसे दूध से पनीर, दही, मक्खन) में परिवर्तित करते हैं. इससे उनकी आय बढ़ती है.
ऐश्वर्या ने बताया कि यह Prime Minister मोदी की सराहनीय योजना है. जो सीधे तौर पर महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देती है. सभी महिलाओं को रोजगार मिल रहा है और इससे योजना का मकसद भी सफल हो रहा है. मैंने कौशल प्रशिक्षण लिया है और अब मैंने अपना खुद का कैफे शुरू किया है. मुझे बैंक से ऋण मिला है और मैंने अपना व्यवसाय शुरू किया है. हम चाहते हैं कि Prime Minister मोदी इसी तरह सहयोग करें और भविष्य में अच्छी-अच्छी योजनाएं लेकर आएं.
देश का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र तेजी से फल-फूल रहा है, और इस क्रांति में अग्रणी संस्थान है तंजावुर स्थित राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान का. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत, यह संस्थान संपूर्ण खाद्य क्षेत्र में नवाचार, अनुसंधान और कौशल विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
प्रो. वी. पलानीमुथु ने कहा कि यह संस्थान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो नवाचार, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, कुशल मानवशक्ति सृजन, और रोजगार सृजन पर केंद्रित है. इसकी मुख्य गतिविधियां – शिक्षा, अनुसंधान, और क्षमता निर्माण – ‘पीएम एफएमई योजना’ के तहत स्टार्टअप्स और ग्रामीण उद्यमियों को सशक्त बनाती हैं.
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डीकेएम/एकेजे