प्रयागराज, 15 नवंबर . उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर छात्र पांचवे दिन भी धरने में डटे हुए हैं. आयोग के गेट के बाहर छात्र-छात्राएं इकट्ठा हुए हैं. आरओ-एआरओ परीक्षा एक दिन में कराए जाने की मांग की जा रही है. छात्रों ने स्पष्ट कर दिया है की परीक्षा रद्द करने और समिति बनाने से काम नहीं चलेगा, आयोग को एक दिवस एक पाली में परीक्षा का निर्णय लेना होगा.
हालांकि आयोग ने आरओ-एआरओ परीक्षा को स्थगित कर दिया है. साथ ही परीक्षा को लेकर कमेटी का गठन किया गया. शुक्रवार को आंदोलन पर बैठे प्रतियोगी छात्रों ने कहा कि स्थगन से वे संतुष्ट नहीं हैं. आयोग को एक दिवस एक पाली में परीक्षा का निर्णय लेना होगा, इसके बाद ही वह आंदोलन स्थल से हटेंगे. शुक्रवार को भी आंदोलन जारी है, लेकिन भीड़ काफी कम है. स्थिति यह है कि सड़क की एक लेन पर वाहनों का आवागमन भी चालू करा दिया गया है.
प्रतियोगी छात्र विमल का कहना है कि जो छात्र आरओ-एआरओ की परीक्षा देता है वह पीसीएस भी देता है. ऐसे में यदि एक परीक्षा को एक दिवसीय किया गया तो दूसरी परीक्षा दो दिवसीय होने से उनको नॉर्मलाइजेशन के कारण असमान मूल्यांकन झेलना होगा. ऐसे में दोनों परीक्षाओं में वन डे-वन शिफ्ट लागू होना चाहिए.
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा भी एक दिन में कराने की घोषणा की जाए, तभी उनका आंदोलन पूरी तरह से खत्म होगा. छात्रों की मांग यह है कि जिस तरह से पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एक शिफ्ट में कराने की घोषणा की गई है, उसी तरह आरओ-एआरओ परीक्षा भी वन डे वन शिफ्ट में कराने का लिखित आश्वासन दिया जाए. तभी वह धरना खत्म करेंगे.
आंदोलित छात्रों का कहना है कि आरओ-एआरओ परीक्षा के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का आश्वासन देकर आयोग प्रतियोगी छात्रों को बरगला नहीं सकता है. दोनों परीक्षाओं को एक दिन एक शिफ्ट में कराने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया गया था. आयोग ने एक ही परीक्षा की मांग मानी है, जबकि आरओ एआरओ परीक्षा को एक दिन में कराने के लिए कोई फैसला नहीं किया है.
आयोग पर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी आरओ-एआरओ परीक्षा को भी एक दिन में कराने की मांग पर अड़े हैं. आयोग के सचिव ने कहा कि आरओ-एआरओ के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा कराने का निर्णय लिया जाएगा, लेकिन छात्र मानने के लिए तैयार नहीं हैं.
–
विकेटी/एएस