नई दिल्ली, 7 सितंबर . पेरिस में चल रहे पैरालंपिक खेलों में मेडल जीतकर स्वदेश लौटे खिलाड़ियों का दिल्ली में जोरदार स्वागत हो रहा है. भारत ने इन खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए टोक्यो पैरालंपिक के 19 मेडल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.
इस मौके पर शूटिंग में स्वर्ण पदक जीतने वाली खिलाड़ी अवनि लेखरा, तीरंदाजी में कांस्य पदक जीतने वाले राकेश कुमार, 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतने वाली खिलाड़ी रुबीना फ्रांसिस और क्लब थ्रो में कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ी प्रणव सूरमा ने से बात करते हुए अपनी खुशी जाहिर की.
अवनि लेखरा ने से बात करते हुए कहा, “मैं इंडिया के लिए एक और बार मेडल लेकर आई हूं. यह मेरी फैमिली के लिए काफी गर्व का पल था. मैंने शूटिंग 2015 से शुरू की थी. मुझे 9 साल हो चुके हैं. शूटिंग करते-करते मैंने काफी मेहनत की है. टीम का, कोच का, परिवार का मेरे प्रदर्शन में बहुत अहम योगदान रहा है. मुझे यहां पर भी मंत्रालय की तरफ से सम्मानित किया गया है. सब कुछ अच्छा रहा है. अभी आगे मैं थोड़ा ब्रेक लेना चाहूंगी. उसके बाद अगले महीने हमारे नेशनल गेम हैं. जो भी अगले साल का शेड्यूल होगा, उसे शेयर करेंगे.”
पेरा आर्चरी में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीतकर आए राकेश कुमार ने बताया कि उनके गले में जब मेडल और देश का तिरंगा होता है तो बहुत खुशी होती है. उन्होंने कहा कि मैं आर्चरी में 7 साल से प्रदर्शन कर रहा हूं. टोक्यो पैरालंपिक में भी भागीदारी कर चुका हूं. यह मेरा दूसरा पैरालंपिक था. तैयारी अच्छी थी. आगे मुझे लगता है कि मुझे और अच्छी तैयारी करनी पड़ेगी. आप कोई मोटिवेशनल वीडियो देख लो, चाहें बड़े स्पीकर की बात देख लो. जब तक आप खुद पर भरोसा नहीं करोगे, आपको अपना हौसला खुद बढ़ाना पड़ेगा.
पैरा शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत लौटीं रुबीना फ्रांसिस ने से बताया, “मैंने लगातार मेहनत की. मुझे 10 साल हो चुके हैं शूटिंग करते-करते. यह मेरा पहले पैरालंपिक मेडल है, जो ब्रॉन्ज मेडल है. काफी खुश हूं. बहुत सारे चैलेंज थे. बहुत सारी परेशानियां थीं. लेकिन कोच का साथ रहा. हर कोई हर क्षेत्र में माहिर नहीं होता है. अपने आप पर खुद को भरोसा करना चाहिए.”
पैरालंपिक में सिल्वर मेडल लेकर आए एथलेटिक्स प्रणव सूरमा ने बताया, “मुझे बेहद खुशी है कि इतने सालों से मैं मेहनत कर रहा हूं. मुझे भागीदारी करने का इस बार मौका मिला और अपनी परफॉर्मेंस दिखाने का मौका मिला और देश के लिए मेडल जीत कर लेकर आया हूं. मुझे बहुत खुशी है कि जो मेरी टीम है, मेरे कोच हैं मेरे पेरेंट्स हैं और सपोर्ट स्टाफ है, उन सब का बहुत बड़ा रोल इस मेडल में रहा है.”
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पीएसएम/एएस