हेमंत सोरेन: विरासत से विजय तक, आदिवासी हितों की मजबूत आवाज

New Delhi, 10 अगस्त . झारखंड के Chief Minister हेमंत सोरेन ने अपनी नेतृत्व क्षमता के दम पर राज्य की राजनीति में एक अलग पहचान बनाई है. वह न केवल एक प्रभावशाली राजनेता हैं, बल्कि उनकी जिंदगी और राजनीतिक सफर से जुड़ी कई रोचक बातें भी हैं.

हेमंत सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हुआ था. हेमंत सोरेन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बोकारो से पूरी की, लेकिन बीआईटी मेसरा रांची में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई अधूरी छोड़ दी.

साल 2009 में बड़े भाई दुर्गा सोरेन की असामयिक मृत्यु के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़कर जेएमएम की कमान संभाली. यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने उन्हें एक इंजीनियरिंग छात्र से झारखंड के सबसे युवा Chief Minister तक पहुंचाया.

2009 में वे राज्यसभा सांसद बने और फिर दुमका विधानसभा सीट से जीत हासिल की. उसके बाद साल 2013 में वे झारखंड के सबसे युवा Chief Minister बने, हालांकि उनका पहला कार्यकाल केवल 17 महीने का रहा.

साल 2019 में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन की जीत के बाद हेमंत ने दोबारा Chief Minister पद संभाला. उनके नेतृत्व में सरकार ने आदिवासी कल्याण, ग्रामीण विकास और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर जोर दिया. ‘माईया सम्मान योजना’ जैसी पहल ने लाखों महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की.

हेमंत सोरेन का सफर चुनौतियों से भरा रहा है. जनवरी 2024 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें एक कथित जमीन घोटाले में गिरफ्तार किया, जिसे उन्होंने केंद्र सरकार की राजनीतिक साजिश करार दिया.

पांच महीने जेल में बिताने के बाद जून 2024 में झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी. इसी बीच उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने इस दौरान गांडेय सीट से उपचुनाव जीतकर राजनीतिक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज की.

2024 के विधानसभा चुनावों में जेएमएम-नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने 56 सीटें जीतकर शानदार वापसी की और हेमंत ने 28 नवंबर 2024 को चौथी बार Chief Minister पद की शपथ ली.

उनके पिता शिबू सोरेन जेएमएम के संस्थापक और झारखंड आंदोलन के प्रमुख नेता रहे, जिनसे उन्होंने राजनीति में आगे बढ़ने की प्रेरणा ली.

हेमंत सोरेन एक खेल प्रेमी हैं और उन्हें साइकिलिंग और क्रिकेट खेलना पसंद है. वे अक्सर साइकिल चलाते हुए देखे जाते हैं, जो उनकी सादगी को दर्शाता है.

एकेएस/डीएससी